नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जारी महायुद्ध के बीच भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने छिड़काव में काम आने वाले दो नए उपकरणों का आविष्कार किया है. इनके जरिए सिर्फ एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट के घोल को एक बड़े इलाके में छिड़का जा सकता है.
अग्नि, पर्यावरण तथा विस्फोटक सुरक्षा केंद (सीएफईईएस) ने ट्राली पर चलने वाले और कंधे पर रखक इस्तेमाल करने वाले पोर्टेबल उपकरण बनाए हैं. जानकारी में बताया गया है कि इनके जरिए एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट के घोल को एक बड़े इलाके में छिडका जा सकता है. जबकि पोर्टेबल सिस्टम से छोटे इलाके में छिड़काव किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि पोर्टेबल उपकरण का इस्तेमाल मुख्य रूप से डॉक्टर केबिन, रेलवे स्टेशन, ऑफिस जैसी जगहों को रोगाणुमुक्त करने में किया जा सकता है. वहीं 50 लिटर की क्षमता वाला ट्रॉली पर लगा सिस्टम 3000 वर्ग मीटर में छिड़काव किया जा सकता है. इससे उपयोग मुख्य रूप से हॉस्पिटल, शॉपिंग माल, एयरपोर्ट जैसे बड़े इलाके में छिड़काव करने में इस्तेमाल किया जा सकता है. इन दोनों सिस्टम को फिलहाल दिल्ली पुलिस को दिया जा रहा है. भविष्य में इन्हें दूसरी एजेंसियों को भी दिया जाएगा.