DMart Business Strategy: डी मार्ट से लगभग सभी परिचित हैं। घरेलू किराने का सामान और जरूरी सामान रखने के लिए सबसे सस्ता सुपरमार्केट डी मार्ट है। लेकिन डी मार्ट अन्य सुपरमार्केट की तुलना में इतना सस्ता सामान कैसे बेच सकता है? आखिर किया है DMart Business Strategy? आपके मन में भी यह सवाल हो सकता है कि उन्हें इससे लाभ कैसे मिलता है, इन सवालों का जवाब हम आपको बताने जा रहे हैं।
DMart का मालिक कौन है?
डी मार्ट के मालिक राधाकिशन दमानी हैं। वह एक भारतीय व्यवसायी हैं। राधाकिशन दमानी का जन्म 16 अगस्त 1954 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ था, लेकिन वे मुंबई में पले-बढ़े। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
DMart की स्थापना कब हुई थी?
डी मार्ट एक भारतीय कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई में है। राधाकिशन दमानी ने 2002 में डी मार्ट की स्थापना की और कंपनी की पहली शाखा हीरानंदानी गार्डन, पवई में खोली गई। उसके बाद कंपनी ने धीरे-धीरे कई रिटेल स्टोर शुरू किए। वर्तमान में देश भर में 230 से अधिक डी मार्ट स्टोर हैं।
DMart Business Strategy: सस्ता माल बेचने के महत्वपूर्ण कारण
DMart आउटलेट का परिसर
डी मार्ट के प्रत्येक आउटलेट स्थान को सावधानी से चुना गया है। ये आउटलेट रिहायशी इलाकों और भारी ट्रैफिक वाले इलाकों में खोले जाते हैं। डी मार्ट में रोजाना कम से कम 1000 लोग शॉपिंग करने आते हैं। त्योहारी सीजन में यह संख्या 10-15 गुना बढ़ जाती है।
डी मार्ट शॉपिंग मॉल में अपने आउटलेट संचालित नहीं करता है। वे ‘स्टोर ओनरशिप मॉडल’ में विश्वास करते हैं। वे खुद जमीन खरीदते हैं और दुकान खोलते हैं। इसलिए उनका किराया इसके लायक है। जो स्टोर उनके नहीं हैं, उन्हें कम से कम 15-20 साल के लिए लीज पर दे देते हैं।
DMart दूसरी प्रोडक्ट कंपनियों से पैसे लेता है
डी मार्ट में आप विभिन्न कंपनियों के उत्पाद खरीदते हैं। साथ ही यहां हमें डी मार्ट मिनीमैक्स, डी मार्ट प्रीमिया, डी होम्स, डच हार्बर जैसे अपने खुद के ब्रांड के उत्पाद मिलते हैं। इन उत्पादों की कीमतें अन्य ब्रांडों की तुलना में कम हैं। साथ ही डी मार्ट स्लॉटिंग शुल्क भी लेता है।
जब कोई कंपनी अपना उत्पाद डी मार्ट में बेचना चाहती है तो उन्हें स्लॉटिंग शुल्क देना होता है। इससे डी मार्ट का पैसा मिलता है। इसके अलावा, डी मार्ट ने कई स्थानीय ब्रांडों के साथ करार किया है, जिससे कुछ वस्तुओं की कीमतें अन्य ब्रांडों की तुलना में कम हो जाती हैं।
DMart की कम कीमत नीति
डी मार्ट “हर दिन कम लागत – हर दिन कम कीमत” मॉडल का अनुसरण करता है। उनकी रणनीति के कारण उत्पादों की कीमतें कम हैं, लेकिन उनकी बिक्री बहुत अधिक है। अधिक बिक्री के कारण डी मार्ट के उत्पादों की मांग अधिक है, इसलिए वे अन्य कंपनियों की तुलना में कीमतों को कम रखते हुए उच्च बिक्री लक्ष्य प्राप्त करते हैं और मुनाफा कमाते हैं।
DMart: आपूर्तिकर्ताओं के साथ मूल्य बातचीत
डीमार्ट ने कारोबार में बिचौलियों को खत्म कर दिया है, इसलिए उनका कारोबार ग्राहक मॉडल पर निर्भर करता है। डीमार्ट के कई बड़े आउटलेट हैं।
साथ ही डी मार्ट अन्य कंपनियों के उत्पाद भी थोक में खरीदता है, इसलिए वे कंपनियों, सप्लायर्स से कीमत पर मोलभाव करते हैं। इससे उन्हें फायदा भी होता है और कम दाम में सामान मिल जाता है।
DMart: लागत में कमी
डी मार्ट ने अपनी परिचालन लागत बहुत कम रखी है। उनके 80-85 प्रतिशत आउटलेट स्वयं के स्वामित्व वाले हैं। साथ ही यह एडवरटाइजिंग, मार्केटिंग और इंटीरियर्स पर ज्यादा खर्च नहीं करती है।
आपूर्तिकर्ताओं को समय पर भुगतान करने से अधिक क्रेडिट और छूट मिलती है। डीमार्ट के पास कम श्रमशक्ति है, इस प्रकार अतिरिक्त लागतों से बचने में मदद मिलती है।