नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है।
दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल की गई 350 पेज की इस पहली चार्जशीट में शाहरुख पठान, कलीम अहमद और इश्तियाक मलिक का नाम शामिल है। यह पहली चार्जशीट एफआईआर नंबर 51/ 2020 दिनांक 26 फरवरी 2020 थाना जाफराबाद में दर्ज मामले में शुक्रवार को दाखिल की गई। दिल्ली हिंसा के दौरान शाहरुख पठान ने ही हेड कांस्टेबल दीपक दहिया और अन्य लोगों पर गोली चलाई थी। शाहरुख पठान को क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ने 3 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया था। फिलहाल शाहरुख खान दिल्ली की जेल में बंद है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, शाहरुख पठान को गिरफ्तार करने वाली टीम के एक अधिकारी और दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, शाहरुख की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ के बाद सामने आया है कि शाहरुख को छिपने में यूपी के शामली जिले के कैराना निवासी कलीम अहमद ने उसकी मदद की थी। बाद में कलीम अहमद को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
घटना की जांच के दौरान आए कुछ और गंभीर तथ्यों के बाद पुलिस ने एफआईआर में धारा 147/148/149/216 आईपीसी भी जोड़ दी थीं। चार्जशीट में शाहरुख पठान के साथ साथ उसे शरण देने वाले कलीम अहमद और इश्तियाक मलिक निवासी अरविंद नगर, घोंडा, दिल्ली के नाम भी हैं। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, इस एफआईआर की जांच के दौरान इश्तियाक मलिक की लोकेशन हिंसा वाली जगह पर मिली थी। जब उसे पकड़ा गया तो उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था।
चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने इस बात का भी जिक्र किया है कि उस हिंसा के दौरान शाहरुख पठान ने दिल्ली पुलिस के हवलदार दीपक दहिया के ऊपर जो पिस्तौल तानी थी, उसे भी उसकी निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है। साथ ही मुख्य आरोपी के पास से 2 जीवित कारतूस भी मिले हैं।
दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।