Friday, April 19, 2024
HomeदेशCOVID-19: भारत में बच्चों लिए जल्द आ सकती है कोरोना वैक्सीन, एम्‍स...

COVID-19: भारत में बच्चों लिए जल्द आ सकती है कोरोना वैक्सीन, एम्‍स डायरेक्‍ट रणदीप गुलेरिया ने दी जानकारी

डेस्क।कोरोना (Corona) की तीसरी लहर की आहट के बीच एम्स (AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन को लेकर अहम जानकारी दी है। रणदीप गुलेरिया ने बताया कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन परीक्षण चल रहे हैं और नतीजे सितंबर तक जारी होने की उम्मीद है। डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चों की कोरोना वैक्सीन संक्रमण की चेन तोड़ने की दिशा में अहम कदम साबित होगी।

डॉ गुलेरिया ने बताया कि जाइडस कैडिला ने बच्‍चों की वैक्‍सीन का ट्रायल पूरा कर लिया है और उन्‍हें आपातकालीन इस्‍तेमाल के लिए मंजूरी का इंतजार है। डॉ गुलेरिया ने बताया कि भारत बायोटेक की ओर से बच्‍चों के लिए तैयार की गई कोवैक्सीन का ट्रायल भी अगस्त या सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए ट्रायल के तुरंत बाद ही वैक्‍सीन को हरी झंडी दिखा दी जाएगी।
बता दें कि फाइजर की ओर से तैयार बच्‍चों की वैक्‍सीन को अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी फूड एंड ड्रग रेगुलेटर से मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में उम्मीद है कि सितंबर तक बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकेगा। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए वैक्‍सीन को अहम माना जा रहा है।

बता दे, अमेरिका में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में अब तक लगभग 40 लाख बच्‍चे कोरोना महामारी की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि, भारत में अभी बच्‍चों में कोरोना संक्रमण की दर बेहद कम आंकी गई है। अभी तक ये राहत की बात है।


डा. गुलेरिया ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में आए सीरो सर्वे के मुताबिक, दो तिहाई आबादी में समुचित मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इसके बावजूद जब तक ज्यादातर लोगों का टीकाकरण नहीं होता, भीड़ में जाने और गैर-जरूरी यात्रा से बचना चाहिए। उन्होंने उन राज्यों को आगाह किया है, जहां अब भी ज्यादा मामले आ रहे हैं। कहा कि ज्यादा मामले वाले राज्य उन राज्यों को जोखिम में डाल सकते हैं, जहां संक्रमण को प्रभावी तरीके से काबू किया गया है।

भारत ने अब तक 42 करोड़ से अधिक टीकों की खुराक दी है, और सरकार का लक्ष्य इस साल के अंत तक सभी युवा वर्ग का टीकाकरण करना है। दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पत्रिकाओं में से एक, द लैंसेट द्वारा प्रकाशित हुए एक शोध में सामने आया है कि 11-17 वर्ष के बच्चों के साथ रहने से संक्रमण का खतरा 18-30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News