कोरोना महामारी के बीच एक तरफ जहां लॉकडाउन खोला जाये या नहीं इस पर मंथन चल रहा है वहीं टेस्टिंग किट्स को लेकर भी नये-नये सवाल सामने आ रहे हैं. रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट्स के रिजल्ट सही न आने का मामला तो चल ही रहा है, किट्स की कीमत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोग गलत जानकारी भी साझा कर रहे हैं.
टेस्टिंग किट्स की कीमत से जुड़ी एक ऐसी ही सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने ICMR से सवाल किया है. उदित राज के इस सवाल पर आईसीएमआर ने जवाब दिया है और ऐसी किसी भी जानकारी को गलत करार दिया है.
दरअसल, उदित राज ने जिस पोस्ट के आधार पर आईसीएमआर से सवाल किया था उसमें दावा किया गया है कि कुछ कंपनियां टेस्टिंग किट कम कीमत में देने को तैयार थीं, लेकिन ये ठेका एक गुजराती कंपनी को दिला दिया गया, जो कई गुना ज्यादा कीमत में किट्स दे रही है.
इस जानकारी को ICMR ने सिरे से खारिज किया है. ICMR ने उदित राज को ट्विटर पर जवाब देते हुये लिखा, ‘ये फेक न्यूज है. आईसीएमआर ने जो कीमत तय की हैं उसके हिसाब से RT-PCR टेस्ट की कीमत 740-1150 के बीच और रेपिड टेस्ट की कीमत 528-795 रखी गई है. कोई भी टेस्ट 4500 रुपये में नहीं किया जा रहा है.’
इसके साथ ही ICMR ने कहा कि अगर कोई भारतीय कंपनी कम कीमतों में सप्लाई देना चाहती है तो उनका स्वागत है. बता दें कि रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग के रिजल्ट की सटीकता पर राजस्थान सरकार ने सवाल उठाये थे जिसके बाद से आईसीएमआर ने ये टेस्टिंग बंद कर दी है. राजस्थान के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया था उनके यहां खराब टेस्टिंग किट्स भेजी गईं. इस पूरे विवाद के बीच टेस्टिंग किट्स की कीमत का मामला भी गरमा रहा है
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया आदेश
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि कोरोना टेस्ट किट 400 रुपये से ज्यादा के रेट पर नहीं बेची जानी चाहिये. कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए टेस्ट बेहद जरूरी है, ऐसे में टेस्ट किट का कम से कम रेट पर बेचा जाना भी उतना ही जरूरी है.
वहीं, किट की कीमत पर राजनीतिक बयानबाजी भी होने लगी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि टेस्टिंग किट्स पर मुनाफाखोरी के लिये देश माफ नहीं करेगा