नई दिल्ली: कोरोना को लेकर केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि लोग सुरक्षित रह सके। वायरस की रोकथाम को लेकर रोजाना नए-नए नियम भी बनाए जाए रहे हैं, जिससे इसके फैलाव को आसानी से रोका जा सके। ऐसे में अब केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना के मरीजों के लिए नई डिस्चार्ज पॉलिसी जारी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस नई डिस्चार्ज पॉलिसी को जारी किया है। इस नई डिस्चार्ज पॉलिसी में मरीजों की देखभाल और उसकी स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही किस मरीज को किस तरह का इलाज मुहैया कराया जाना है, यह भी नई डिस्चार्ज पॉलिसी में दर्ज है। नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक एडमिट कोरोना संक्रमित मरीज में अगर कोई लक्षण नहीं दिख रहे और तीन दिन तक बुखार नहीं होता है तो उसे 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकता है। हालांकि इसके बाद भी मरीज को एक सप्ताह तक सावधानी बरतनी होगी।
हल्के केसेज के लिए क्या है नई गाइडलाइंस?
- हल्के केसेज में डिस्चार्ज से पहले टेस्टिंग की जरूरत खत्म।
- पेशेंट में कोई लक्षण ना दिखने और हालात सामान्य पर 10 दिन में भी अस्पताल से छुट्टी।
- डिस्चार्ज होने के बाद, पेशेंट को अब 14 दिन की बजाय 7 दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा।
- 14वें दिन टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए मरीज का फॉलो-अप किया जाएगा।
- जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं/बहुत हल्के हैं, उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा।
- कोविड केयर फैसिलिटी में मरीजों को रेगुलर टेम्प्रेचर चेक और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा।
- अगर 3 दिन तक बुखार ना आया तो 10 दिन के बाद डिस्चार्ज, उससे पहले टेस्टिंग की जरूरत नहीं।
- डिस्चार्ज से पहले, अगर कभी भी ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 पर्सेंट से नीचे जाता है तो मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (CDC) ले जाया जाएगा।
गंभीर मरीजों के लिए क्या है नई गाइडलाइंस?
- गंभीर लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा।
- गंभीर लक्षण वाले मरीजों को बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स से गुजरना होगा।
- गंभीर लक्षण वाले मरीजों का बुखार अगर 3 दिन में उतर जाता है और मरीज का अगले 4 दिन तक सैचुरेशन लेवल 95% से ज्यादा रहता है तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है।
- गंभीर लक्षण वाले मरीजों को अगर बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज से पहले टेस्टिंग से नहीं गुजरना होगा।
- HIV पेशेंट्स और अन्य गंभीर बीमारियों वाले पेशेंट्स को क्लिनिकल रिकवरी और RT-PCR टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
- छुट्टी के बाद अगर बुखार, कफ या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण डेवलप होते हैं तो मरीज को कोविड केयर सेंटर या स्टेट हेल्पलाइन या फिर 1075 पर कॉन्टैक्ट करना होगा।
बता दें कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अब तक 59 हजार 662 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि कोरोना की चपेट में आकर अब तक 1981 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि 17847 कोरोना (Corona) मरीज ठीक भी हुए हैं। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 59662 कोरोना के मामले थे जिसमें से 39834 एक्टिव केस, 17846 लोग ठीक हो चुके हैं, 1981 की मौत और 1 मरीज ठीक होने से पहले विदेश जा चुका है। कुल मरीजों में 111 मरीज विदेशी नागरिक हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3320 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 95 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है।