- भारत में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई है।
- केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज हैं।
- इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
- केरल में बेहतर चिकित्सा स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कोरोना के मामले अधिक हैं।
देश में ठंड का मौसम शुरू होते ही एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। देश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई है। कुछ दिन पहले यही संख्या पांच सौ थी। मरीजों की बढ़ती संख्या ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सिंगापुर में हर दिन तीन हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है और आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
भारत में भी पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। देश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। यह संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों में एक्टिव मरीजों की संख्या 500 थी। लेकिन दिसंबर माह में सर्दी शुरू होते ही कोरोना की संख्या बढ़ती जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में फिलहाल कोरोना के 1185 मरीज सामने आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 237 नए मामले सामने आए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज केरल राज्य में हैं। केरल में पिछले हफ्ते कोरोना के 900 मामले सामने आए। देश के कुल कोरोना मरीजों में से 90 फीसदी मरीज अकेले केरल राज्य से हैं। राहत की बात ये है कि इन मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए हैं।
केरल में कोरोना का पहला मरीज 2020 में मिला था। चीन से भारत आया केरल का एक मेडिकल छात्र देश का पहला कोरोना मरीज था। चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा छात्र जनवरी, 2020 के आखिरी हफ्ते में भारत लौटा था। 30 जनवरी, 2020 को उन्हें कोरोना का पता चला।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन्फ्लूएंजा वायरस दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण लोगों में सर्दी, खांसी और हल्का बुखार हैं। ऐसे लोग जब जांच के लिए अस्पताल जा रहे हैं तो उनकी भी कोविड जांच की जा रही है। इनमें से कुछ मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। लेकिन उनमें हल्के लक्षण हैं।
केरल में अधिक कोरोना मरीज मिलने का अहम कारण यह है कि अन्य राज्यों की तुलना में केरल में बेहतर चिकित्सा स्वास्थ्य व्यवस्था है। केरल में फ्लू और इन्फ्लूएंजा जैसे वायरस की तुरंत जांच की जा रही है। इसी तरह हल्के लक्षण वाले मरीजों की भी कोविड जांच की जा रही है। इसलिए, केरल में अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना के मामले अधिक हैं।