नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने विभिन्न श्रेणी की संपत्तियों के सर्किल रेट को 20 फीसद कम करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में अगले छह महीने के लिए आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य संपत्तियों के सर्किट रेट को कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कोरोना काल के दौर में हुए आर्थिक नुकसान से अब धीरे-धीरे उबर रहे हैं। हमारी सरकार का कर्तव्य है कि वह आम आदमी पर पड़ रहे वित्तीय बोझ को और कम करने के लिए सभी कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण समान्य रूप से राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है और विशेष रूप से अचल संपत्ति के क्षेत्र में अभूतपूर्व मंदी देखी गई है। इस दौरान लाखों निर्माण श्रमिकों की नौकरियां चली गईं हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार ने पहले ही यहां निर्माण श्रमिकों को 10 हजार रुपए देकर उन्हें सीधे तौर पर राहत प्रदान की है, लेकिन अचल संपत्ति क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और लोगों को अपनी खोई हुई नौकरियों को वापस पाने की आवश्यकता है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस निर्णय से संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि केजरीवाल का यह बहुत बड़ा निर्णय है।
राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह फैसला अधिक से अधिक लोगों को अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। सर्किल रेट में 20 फीसद की कमी से स्टांंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में एक फीसद के करीब असर पड़ेगा। विभाग को उसी के अनुसार कवायद करने का निर्देश दिया गया है। गहलोत ने कहा कि हम कठिन समय का सामना कर रहे हैं। एक जवाबदेह सरकार होने के नाते अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली की जनता को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देना हमारा कर्तव्य है।