नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 (Financial Year 2021-22) के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget 2021) का शुभारम्भ किया, जिसका उद्देश्य कोरोनवायरस महामारी की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है।
चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को 7.7% अनुबंधित करने का अनुमान है, हालांकि सरकार आगामी COVID-19 टीकाकरण अभियान और उपभोक्ता मांग और निवेश में एक पलटाव के बाद आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 11% की वृद्धि का अनुमान लगाती है । इस महीने की शुरुआत में , वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट पहले जैसा कभी नहीं होगा।स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला पेपरलेस बजट भी था। सीतारमण ने 2019 में अपने पहले बजट में जो दशकों से एक पारंपरिक लाल कपड़े ‘बही खाता’ के साथ बजट दस्तावेजों को ले जाने प्रयोग होता था उसकी जगह उन्होंने ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया था। लेकिन उन्होंने इस वर्ष Made in India Tablet (डिजिटल बजट) के साथ बही खाता को बदल दिया।
निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणा के आधार पर, निम्नलिखित वस्तुएं अब सस्ती और महंगी हो जाएंगी-
क्या हुआ महंगा?
मोबाइल और चार्जर महंगा
– तांबे का सामान महंगा
– सूती कपड़े महंगे
– इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा
– कॉटन के कपड़े महंगे
– रत्न महंगे
– लेदर के जूते महंगे
– सोलर इन्वर्टर महंगा
– सेब महंगा
– काबुली चना महंगा
– यूरिया महंगा
– डीएपी खाद महंगी
– चना दाल महंगी
– पेट्रोल-डीजल महंगा
– शराब महंगी (शराब पर 100 प्रतिशत सेस लगेगा)
– ऑटो पार्ट्स महंगे
सस्ता है
– चमड़े के उत्पाद सस्ते
– ड्राई क्लीनिंग सस्ती
– लोहे के उत्पाद सस्ते
– पेंट सस्ता
– स्टील के बर्तन सस्ते
– इंश्योरेंस सस्ता
– बिजली सस्ती
– जूता सस्ता
– नायलॉन सस्ता
– सोना-चांदी सस्ता
– पॉलिस्टर सस्ता
– तांबे का सामान सस्ता
– कृषि उपकरण सस्ते
यहां जानें Central Budget 2021 में की प्रमुख बातें-
- स्वास्थ्य का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ किया गया.
- देश भर में 75 हजार हेल्थ सेंटर्स बनाए जाएंगे.
- वित्त वर्ष 2022 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 6.8 परसेंट रहने का अनुमान.
- इंफ्रा सेक्टर को बड़ा बूस्ट देने की तैयारी, डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी पर 20,000 करोड़ का निवेश करेंगे.
- 75 साल से अधिक उम्र वालों को अब टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
- जम्मू कश्मीर में गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी.
- रेलवे के लिए 2030 तक की योजना तैयार की गई है. नई राष्ट्रीय रेल योजना बनाई जाएगी.
- रेल बजट पर 1.1 लाख करोड़ खर्च किया जाएगा.
- उज्ज्वला योजना से 8 करोड़ को फायदा पहुंचा, अब 1 करोड़ नए लोगों को जोड़ा जाएगा.
- बैंकों की NPA समस्या से निपटने के लिए AMC बनाने का ऐलान हुआ.
- सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी.
- किसानों को उनकी फसल के लिए MSP से 1.5 गुना ज्यादा कीमत दी जाएगी, किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये दिए गए.
- किसान कर्ज के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान,
- आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्यू स्कूल खोले जाएंगे.
- अगली जनगणना डिजिटल तरीके से होगी.
- दो और कोरोना वैक्सीन आएगी.
बता दें कि बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सांसदों के हंगामें और नारेबाजी का भी सामना करना पड़ा. बजट की शुरुआत में सीतारमण ने कहा कि पिछला साल देश के लिए काफी मुश्किलों भरा रहा, ऐसे में ये बजट ऐसे वक्त में आ रहा है जब काफी संकट है.