पूरे कैंपस में ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो’, ‘रक्तपात होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं’ के नारे लिखे हुए हैं.
साथ ही इमारतों की दिवारों की तोड़फोड़ भी की गई दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनीवर्सिटी यानी JNU एक बार फिर से सुर्खियों में है.
इस बार जेएनयू परिसर में ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे गए हैं. पूरे विश्वविद्यालय में कई जगहों पर ‘ब्राह्मणों भारत छोड़ो’ के स्लोगन लिखे हुए हैं. ये नारे किसने लिखे हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इस तरह के स्लोगन पर अब विवाद शुरू हो गया है.
JNU में ब्राह्मण विरोधी स्लोगन
पूरे कैंपस में ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो’, ‘रक्तपात होगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं’ के नारे लिखे हुए हैं. साथ ही इमारतों की दिवारों की तोड़फोड़ भी की गई.
जेएनयू के छात्रों ने दावा किया कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारों के साथ स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय की इमारत में तोड़फोड़ की गई है.
एबीवीपी ने की घटना की निंदा
एबीवीपी ने इस तरह की नारेबाजी की कड़ी निंदा की है. एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि एबीवीपी इसकी कड़ी निंदा करता है. कम्युनिस्टों ने जेएनयू की दीवारों पर ऐसी अभद्र बातें लिखीं. हमें विश्वास है कि शिक्षण संस्थानों को सिर्फ चर्चा और बहस के लिए उपयोग किया जाएगा ना कि समाज और छात्रों के समुदाय में जहर घोलने में. वहीं इस पूरे प्रकरण पर जेएनयू प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
अक्सर विवादों में रहता है JNU
बता दें कि जेएनयू में इस तरह के मामले पहले भी सामने आए हैं, जहां अलग अलग मुद्दों को लेकर नारेबाजी की जाती है. कुछ सालों पहले देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया जिसमें कई छात्रों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी इसी मामले में आरोपी हैं.
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