Saturday, April 20, 2024
Homeदेशअगले साल से दिल्ली-NCR समेत देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध

अगले साल से दिल्ली-NCR समेत देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध

नई दिल्ली। एक जनवरी, 2022 से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाएगा। यही नहीं, 120 माइक्रोन तक की मोटाई वाले प्लास्टिक बैग और 240 माइक्रोन तक की मोटाई वाले गैर बुने हुए बैग का इस्तेमाल भी बंद हो जाएगा। प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। यह ड्राफ्ट गुरुवार को 60 दिनों के लिए जनता की आपत्तियों एवं सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में डाला गया है। इसके बाद इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि गत फरवरी में प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्लास्टिक के इस्तेमाल को सीमित करने के मद्देनजर बैठक रखी थी। इस बैठक में ही तय हो गया था कि माइक्रो प्लास्टिक यानी सिंगल यूज प्लास्टिक से बने आइटमों का इस्तेमाल जनवरी, 2022 तक पूर्णतया बंद कर दिया जाए। इससे पूर्व 50 माइक्रोन तक के प्लास्टिक बैग और आइटमों पर ही प्रतिबंध लगाने का नियम था। देशभर में समान रूप से लागू होने वाले इन नए नियमों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर डीपीसीसी सख्त

दिल्ली में पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव के एस जयचंद्रन ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) व दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी के नाम आदेश भी जारी कर दिया है।

सालाना निकलता है 16 लाख टन प्लास्टिक कचरा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सालाना करीब 16 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा लगभग 800 टन सालाना है। माइक्रोन तक की मोटाई वाले प्लास्टिक बैग और 240 माइक्रोन तक की मोटाई वाले गैर बुने हुए बैग का इस्तेमाल भी बंद

सूची में ये चीजें शामिल

डिस्पोजेबल क्राकरी, पीने के पानी वाले पैक्ड गिलास, थर्मोकोल और प्लास्टिक से बने सभी सजावटी आइटम, प्लास्टिक की थैलियां, 50 मिलीमीटर या 50 ग्राम सामान वाले प्लास्टिक पाउच, गुब्बारे, झंडे, टेट्रा पैक वाले पाइप, पैकिंग के काम आने वाली प्लास्टिक शीट, 500 मिलीमीटर तक के तरल पदार्थों वाली हल्की प्लास्टिक की बोतलें इत्यादि।

सैकड़ों साल तक खत्म नहीं होता प्लास्टिक का कचरा

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक न सड़ने वाला प्लास्टिक भूजल को प्रदूषित कर रहा है। प्लास्टिक की बोतलें और डिस्पोजेबल प्लास्टिक से बने उत्पाद 450 साल तक भी खत्म नहीं होते। प्लास्टिक के ढक्कन चार सौ साल और मछली पकड़ने वालेप्लास्टिक के जाल को तो पूर्णतया खत्म होने में 650 साल तक लग जाते हैं।

Khabar Satta
Khabar Sattahttps://khabarsatta.com
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News