अयोध्या: हनुमानगढ़ी में इस कठोर शपथ के साथ नए पुजारियों की नियुक्ति, जानिए वो कठोर शपथ

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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अयोध्या: रामनगरी के राजा कहे जाने वाले हनुमानजी की गढ़ी में दो नए पुजारियों की नियुक्ति की गई है. नई नियुक्ति पाने वाले पुजारियों के नाम चंद्रमा दास और अखिलेश दास हैं. इन्हें साल भर के लिए हनुमानगढ़ी में पूजा-पाठ की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अगर आप समझ रहे हैं कि हनुमानगढ़ी में पूजा-पाठ का काम आसान है, तो जान लीजिए, इससे जुड़ी हुई कई ऐसी रीतियां-नीतियां हैं, जिनका पालन इन दोनों पुजारियों को वर्ष भर के लिए कड़ाई से करना होगा. 

पंचायती पद्धति से होता है पुजारी का चयन 
बसंतिया पट्टी के सरपंचों की हुई बैठक में दो नए पुजारियों की नियुक्ति का फैसला लिया गया है. हनुमानगढ़ी में महंत राम चरण दास की अध्यक्षता में बसंतिया पट्टी के सरपंचों की बैठक आयोजित हुई. बैठक में विचार-विमर्श के बाद अनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत गौरी शंकर दास के शिष्य चंद्रमा दास और महंत मयादास के शिष्य अखिलेश दास को हनुमानगढ़ी का नया पुजारी नियुक्त किया गया है. इनका कार्यकाल साल भर का होगा. ये वर्ष भर तक हनुमान जी सरकार की पूजा-अर्चना कर भोग-प्रसाद लगाएंगे.  

4 पट्टियां संभालती हैं हनुमानजी सरकार की सेवा का काम 
अयोध्या के सुप्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में चार पट्टी के माध्यम से हनुमान जी सरकार की पूजा अर्चना और सेवा किया जाता है.  इसमें सागरिया पट्टी, बसंतिया पट्टी, उज्जैनिया पट्टी और हरिद्वारी पट्टी की पंचायती व्यवस्था है. जिसमें सर्वोच्च हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन होते हैं इस समय हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन प्रेमदास जी महाराज हैं.

पुजारी की नियुक्ति के साथ ही गोपनीयता की शपथ 
हनुमानगढ़ी में पुजारी जब नियुक्त किया जाता है तो उसे एक विशेष तरह की शपथ दिलाई जाती है. शपथ में हनुमानगढ़ी में विराजमान हनुमानजी की पूजा अर्चना की गोपनीयता जीवन भर कायम रखने की बात होती है. माना जाता है कि गर्भ गृह में विराजमान हनुमान जी सरकार की जो पूजा अर्चना है,वह अत्यंत गोपनीय है. ऐसे में वो किसी से साझा नहीं की जाती.  

अयोध्या के राजा हैं हनुमानजी सरकार 
रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम जब अयोध्या लौटे तो हनुमानजी ने यहां रहना शुरू किया. इसी कारण इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट पड़ा. यहीं से हनुमानजी रामकोट की रक्षा करते थे. अयोध्या में हनुमानजी सरकार को यहां का राजा माना जाता है. अगर राम मंदिर के दर्शन करने हैं तो अयोध्या आकर सबसे पहले हनुमानजी सरकार से इसकी अनुमति लेनी होती है.

अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने बनवाई थी हनुमानगढ़ी 
आलीशान हनुमानगढ़ी को अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने बनवाया था. इसके पहले वहां हनुमानजी की एक छोटी सी मूर्ति को टीले पर पेड़ के नीचे लोग पूजते थे. बताते हैं शुजाउद्दौला का बेटा एक बार बहुत बीमार हो गया. ऐसे में बाबा अभयराम ने नवाब शुजाउद्दौला के शहजादे की जान बचाई थी. जब नवाब ने उन्हें बार-बार कुछ देने का इसरार किया तो उन्होंने तब हनुमानगढ़ी बनवाने का प्रस्ताव रखा, जिसे नवाब ने मानकर हनुमानगढ़ी का निर्माण कराया.

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.