कानपुर: दिल्ली में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस कानपुर की और लौटे कुछ लोगों में कोरोना वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट पाई गयी थी. तब उन्हें गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में क्वॉरंटीन किया गया था और इलाज भी किया जा रहा है. आज से कुछ दिनों पहले उन पर GSVM मेडिकल कॉलेज के स्टाफ का कहना ना मानने और अपनी हरकतों से अपने साथ साथ दूसरे लोगों की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे. खबरे तो ये भी आई थीं कि उन्होंने डॉक्टरों और नर्सों से अभद्रता करने के साथ खाने को लेकर भी स्टाफ का सामने अजीबोगरीब मांगें रखी थीं.
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GSVM मेडिकल कॉलेज कानपुर की प्रिंसिपल डॉक्टर आरती लालचंदानी के मुताबिक अब ऐसे लोगों को अपनी गलती का एहसास हो गया है. वो लोग जीएसवी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स से अपनी जान बचाने की गुजारिश कर रहे हैं. डॉक्टर्स के सामने रो रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के पैरामेडिकल स्टाफ से वो ये भी कह रहे हैं कि उन्हें घरवालों की याद आ रही है और वो परिवार से मिलना चाहते हैं.
GSVM मेडिकल कॉलेज कानपुर की प्रिंसिपल डॉक्टर आरती लालचंदानी ने बताया, “अब इन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया. इन्हें लगने लगा है कि समय पर दवा खाना, भीड़ से अलग रहना इनके सेहत के लिए ही अच्छा है. अब ये अलग अलग अपने कमरों में ही नमाज पढ़ रहे हैं. मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी के लिए खेद प्रकट कर रहे हैं और इलाज में उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं. खाने को लेकर अब शिकायत नहीं है, जो मिलता है समय पर खा लेते हैं.”
डॉक्टर आरती लालचंदानी ने बोला, ” पैरामेडिकल स्टॉफ ने इन लोगों को समझाया कि जल्दी ठीक होने के लिए आप लोग प्रोटोकॉल का पालन करें. डॉक्टरों की बात मानें और समय से दवा खाएं. डॉक्टर्स ने भी इनका हौसला बढ़ाया है. इनसे कहा कि ये लोग कोरोना को हराएंगे. इसके लिए हमारी शुभकामनाएं इनके साथ हैं. कोरोना जात-पात, गोरा-काला, छोटा-बड़ा नहीं देखता. ये बात इनको समझ में आ गई है. अब ये मेडिकल स्टाफ का सहयोग कर रहे हैं.”