नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ सालभर से हमारी लड़ाई चल रही है। ऐसे में व्यवस्था में थकान और कुछ ढिलाई स्वाभाविक बात है, लेकिन हमें दो-तीन हफ्ते और कड़ाई बरतनी होगी और प्रशासन को मजबूत करना होगा। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा और बाद में देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही। पीएम ने इशारों में लॉकडाउन की आशंका को भी खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब वैसे कड़े कदम उठाने की जरूरत नहीं है। अब हमारे पास संसाधन हैं। हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट पर जोर देना होगा। लोगों के सहयोग और स्वास्थ्यकर्मियों की बदौलत हमें स्थिति को नियंत्रण करने में बहुत मदद मिली और अब भी हम नियंत्रित कर रहे हैं। कई राज्यों में प्रशासनिक शिथिलता दिख रही है और बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ाई है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर जुटना होगा। मोदी ने कहा कि लोग ज्यादा लापरवाह हो गए हैं। कुछ राज्यों में संक्रमण की स्थिति ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। बढ़ते पॉजिटिविटी रेट पर चिंता जताते हुए पीएम ने कहा कि इसे पांच प्रतिशत से नीचे लाने की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए ट्रेसिंग और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि हमने कोरोना की लड़ाई जीती थी, बिना वैक्सीन के। यह भरोसा भी नहीं था कि वैक्सीन आएगी या नहीं। आज हमें भयभीत होने की जरूरत नहीं है। हम जिस तरह से लड़ाई को लड़े थे, उसी तरह से फिर से लड़ाई जीत सकते हैं।
यह भी बोले पीएम मोदी
– 11 से 14 अप्रैल तक वैक्सीन उत्सव मनाएं और ज्यादा से ज्यादा पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण कराएं
– सालभर की लड़ाई में कुछ ढिलाई स्वाभाविक है, लेकिन हमें कुछ वक्त और कड़ाई करनी होगी
– कई राज्यों में प्रशासनिक स्तर पर ढिलाई दिख रही है और बढ़ते संक्रमण ने चिंता बढ़ाई है
– राज्यों में हर संक्रमित से 72 घंटे में मिले 30 लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग करने की जरूरत है
– जो राजनीति करना चाहें, कर सकते हैं, मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा। हमें साथ मिलकर महामारी से जीतने के लिए काम करना चाहिए
युद्ध के दिए पांच मंत्र
– टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, कोविड के अनुरूप व्यवहार और महामारी रोकने के लिए प्रबंधन
शामिल नहीं हुई ममता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई। उनकी जगह बंगाल का प्रतिनिधित्व मुख्य सचिव अलापन बनर्जी ने किया। भाजपा केंद्रीय सह प्रभारी अरविंद मेनन ने इस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि बैठक में शामिल नहीं होने का ममता का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। वह शायद अब खुद को सीएम के रूप में नहीं देखती हैं। वह पहले भी राज्य के लोगों के स्वास्थ्य की अनदेखी कर चुकी हैं।