बिजनौर से देर रात यूपी गेट पहुंचा किसानों का एक जत्था, छावनी में तब्दील धरना स्थल

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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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नई दिल्ली/ गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने किसानों को यूपी गेट से धरना स्थल खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। हाइवे खाली करने के नोटिस मिलने के बाद भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरना स्थल से हटने से इनकार कर दिया है। राकेश टिकैत ने रोते हुए कहा कि कुछ लोग प्रशासन के साथ मिलकर साजिश कर रहे हैं। अब किसी भी हालत में ये आंदोलन समाप्त नहीं होगा।

बृहस्पतिवार शाम को जिलाधिकारी अजयशंकर पांडेय ने राकेश टिकैत व अन्य किसान नेताओं को नोटिस जारी कर हाईवे खाली करने को कहा था। इसके बाद राकेश टिकैत गिरफ्तारी देने को तैयार थे। हालांकि एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह उनसे बात करने मंच पर पहुंचे ही थे कि राकेश टिकैत को पता चला कि आंदोलन स्थल से कुछ दूरी पर भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने समर्थकों के साथ नारेबाजी कर रहे हैं। इसके बाद टिकैत ने गिरफ्तारी देने से इनकार कर दिया और अनशन पर बैठ गए।

बिजनौर से देर रात यूपी गेट पहुंचा किसानों का एक जत्था

 यूपी गेट पर देर रात बिजनौर से करीब 100 किसान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के समर्थन में पहुंचे। चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा होने के बावजूद बिजनौर से आने वाले लोग UP गेट पर पहुचने में कामयाब हो गये। किसानों के पहुंचने पर राकेश टिकैत ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार से बात हुई है, उनसे पानी की मांग की गई है। केजरीवाल ने पानी की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया है। वहीं, राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष अजयपाल प्रमुख भी मंच पर पहुंचे। अजयपाल ने कहा कि रालोद किसानों के साथ है। रालोद प्रमुख अजित सिंह के आह्वान पर किसान और पार्टी कार्यकर्ता आंदोलन में जल्द पहुंचेंगे। सुबह अजित सिंह और जयंत चौधरी के भी आने की उम्मीद है। यूपी गेट पर किसानों की संख्या में इजाफा हो गया है।

कंपनियों की तैनाती की अवधि 4 फरवरी तक बढ़ी

केंद्र ने किसानों के विरोध के मद्देनजर गाजियाबाद में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 4 कंपनियों की तैनाती की अवधि 4 फरवरी तक बढ़ा दी है। उनकी तैनाती 28 जनवरी तक थी।

यूपी गेट पर धरना स्थल से पकड़ा गया संदिग्ध

यूपी गेट पर मंच के पास पहुंचे एक संदिग्ध को प्रदर्शनकारियों ने पकड़ा है। पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया है। वह अपना नाम देवेंद्र प्रताप सिंह बताया है। अक्षरधाम के पास दिल्ली का रहने वाला है। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त किया है। थाने ले जाकर पूछताछ की जा रही है। वह मीडियाकर्मियों से बदसलूकी कर रहा था। युवक ने बताया कि घूमते हुए आंदोलन में पहुंचा था। उसने कुछ नहीं किया। उसे बेकार में पकड़ लिया गया है।

राकेश टिकैट की आंखों में आये आंसू

धरने पर बैठे राकेश टिकैत की आंखों में आंसू आ गए। बोले कि किसान शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों के खिलाफ साजिश कर उनकी आवाज दबा रही है। सरकार भले आंदोलन का बिजली पानी काट दे, अब आसपास के गांवों से ही उनके लिए पानी आएगा।।

यूपी गेट पर धारा-144 लागू

यूपी गेट पर गाजियाबाद जिला प्रशासन ने धारा-144 लगा दी है। कानून व्यवस्था खराब न हो इसके लिए गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन की तरफ से अल्टीमेटम के बाद कुछ लोग वहां से जाने लगे। ट्रैक्टर से जाने वाले लोगों ने कहा कि अब वे अपने गृह जिले से आंदोलन करेंगे। धरना स्थल पर अब वहां पर काफी कम संख्या में लोग हैं।

यूपी गेट पर देशद्रोही और खालिस्तानी गो बैक के नारे लगे

यूपी गेट पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अब स्थानीय लोग खुलकर सामने आ गए हैं। कौशम्बी और वैशाली से आए लोगों ने खालिस्तानी गो बैक के नारे लगाए। इसके अलावा देशद्रोही वापस जाओ के भी नारे लगाए गए। इस दौरान यहां मौजूद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि अगर शुक्रवार सुबह तक यहां से इन्हें नहीं हटाया जाता तो हजारों की संख्या में पहुंचकर इन्हें हटाएंगे।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से बंद, कई जगहों पर जाम

धरना स्थल से प्रदर्शनकारियों को हटाने के आदेश के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब दिल्ली से वाहन नहीं आ सकेंगे। दोनों तरफ से बैरिकेड लगा दिए गए हैं। गाजीपुर बॉर्डर बंद होने के कारण NH- 24, NH- 9, रोड नंबर 56, रोड नंबर 57ए, कोंडली, पेपर मार्केट, टल्को टी प्वाइंट, ईडीएम मॉल, अक्षरधाम और निजामुद्दीन खत्ता से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। कई जगहों पर जाम लगा है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि लोग जाम से बचने के लिए वैकल्पिक रास्ते से होकर जाएं। वहीं गाजियाबाद के हिंडन नहर रोड पर भी लंबा जाम लग गया है।

यूपी में सभी जगहों से धरना स्थल खाली कराने का आदेश

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिला मस्जिट्रेट, पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जहां भी प्रदर्शन चल रहा है वहां से धरना स्थल खाली कराया जाए। इसके बाद से ही यूपी गेट पर पुलिस संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया और धरना स्थल खाली करने का नोटिस थमाया गया।

धरना स्थल से हटने लगे कई प्रदर्शनकारी

पुलिस प्रशासनिक अधिकारी शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन स्थल को खाली कराने के लिए वार्ता के साथ ही किसान संगठनों पर दबाव बनाते रहे। देर शाम प्रशासन की सख्ती के बाद किसानों ने ट्रैक्टरों से अपने-अपने घरों के लिए रवानगी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वे अब अपने अपने जिले से आंदोलन चलाएंगे। हालांकि, भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन सरेंडर नहीं करेंगे। कृषि कानूनों की वापसी तक किसानों का धरना जारी रहेगा।

बिजली, पानी व शौचालय हटाकर मूलभूत सुविधाएं बंद

कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर 28 नवंबर 2020 से चल रहे किसान आंदोलन में 27 जनवरी को बिजली काट दी गई और गुरुवार सुबह पानी की सप्लाई बंद कर दी गई। इसके अलावा निगम की ओर से आंदोलन स्थल पर लगाए गए शौचालय को प्रशासन की ओर से हटा लिया गया। इससे साफ जाहिर था कि अब शासन की मंशा के अनुरूप पुलिस-प्रशासन आंदोलन को ज्यादा टिकने नहीं देंगे। बिजली, पानी व शौचालय की सुविधा न मिलने से दिन भर आंदोलनरत किसान परेशान रहे।

छावनी में तब्दील हुआ धरना स्थल

धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। लिंक रोड पर तैनात सुरक्षा बल मुस्तैदी से तैनात हैं। वहीं यूपी गेट पर कुछ लोग लाठी-डंडे लेकर घूमते देखे गए। पुलिस की इन पर तीखी नजर है।

प्रदर्शनकारियों को अंदेशा है कि रात में धरना स्थल खाली कराया जा सकता है। इसलिए उपद्रव के लिए लाठी डंडे साथ में लिए हैं।

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