7th Pay Commission news: वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों का एक जनवरी, 2020 से बकाया महंगाई भत्ता नहीं चुकाया जाएगा। इसके अलावा 1 जुलाई, 2020 से दिसंबर, 2020 तक के लिए लागू होने वाला महंगाई भत्ता भी नहीं मिलेगा।
7th Pay Commission da hike news: केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़े हुए डीए के भुगतान पर वित्त मंत्रालय ने रोक लगाने का ऐलान किया है। 13 मार्च को ही सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी इजाफे का ऐलान किया था। कर्मचारियों को अप्रैल महीने की सैलरी में ही जनवरी से मार्च तक के एरियर के साथ बढ़ा हुआ डीएम मिलने की उम्मीद थी।
लेकिन अब इस फैसले के साथ 1.4 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इस संबंध हमने पहले ही अपनी रिपोर्ट में आशंका जताई थी कि कोरोना के संकट के चलते रेवेन्यू में गिरावट की वजह से सरकार कर्मचारियों का बढ़ा हुआ डीए रोक सकती है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों का एक जनवरी, 2020 से बकाया महंगाई भत्ता नहीं चुकाया जाएगा। इसके अलावा 1 जुलाई, 2020 से दिसंबर, 2020 तक के लिए लागू होने वाला महंगाई भत्ता भी नहीं मिलेगा। यही नहीं अगले साल जनवरी में भी इसमें इजाफा नहीं होगा।
’ वित्त मंत्रालय के इस आदेश का सीधा अर्थ यह है कि केंद्रीय कर्मचारियों को अब बढ़े हुए महंगाई भत्ते के लिए जुलाई 2021 तक इंतजार करना होगा। हालांकि मौजूदा दर पर डीए का भुगतान होता रहेगा। फिलहाल 17 फीसदी की दर से केंद्रीय कर्मचारियों महंगाई भत्ता मिलेगा। यदि केंद्र सरकार की ओर से इस बढ़े हुए भत्ते का भुगतान किया जाता तो उस पर 14,500 रुपये का वित्तीय बोझ पड़ता।
राज्यों में भी लिए गए हैं कटौती के फैसले: बता दें कि केंद्र सरकार के अलावा राज्यों में भी सरकारी कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में कटौती के फैसले लिए गए हैं। केरल सरकार ने मई से लेकर सितंबर तक कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने 6 दिन का वेतन काटने का फैसला लिया गया है।
इस तरह सरकार ने 5 महीनों में से टुकड़ों में कुल एक महीने की सैलरी काटने की योजना बनाई है। इसके अलावा तेलंगाना सरकार ने भी सैलरी में कटौती का फैसला लिया है। इससे बीच मध्य प्रदेश सरकार भी कर्मचारियों के बढ़े हुए डीए के भुगतान पर रोक लगा चुकी है।