नई दिल्ली : सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अंडमान में कोरोना वायरस के 10 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से नौ लोग दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के सेंटर से लौटे थे। बता दें तेलंगाना में छह लोगों की मौत हो गई है, जो तबलीगी जमात से लौटे थे। मामला सामने आने के बाद से ही देशभर में हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, अंडमान के 10 में से 9 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के सेंटर से लौटे थे। 10वीं संक्रमित एक महिला है, जो कोरोना पॉजिटिव की पत्नी है। ये सभी नौ लोग 24 मार्च को अलग-अलग फ्लाइट से अंडमान पहुंचे थे।
जैसे ही यह खबर सामने आई है, कई राज्यों की पुलिस अलर्ट हो गई है। यूपी में भी 8 जिलों में अलर्ट जारी करते हुए मरकज से लौटे लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है। दिल्ली के सभी इलाकों को भी खंगाला जा रहा है, जहां ये लोग रुके हुए थे। दिल्ली सरकार ने अब तबलीगी जमात के खिलाफ एक्शन लेने जा रही है। मरकज के मौलाना के खिलाफ केजरीवाल सरकार एफआईआर दर्ज कराएगी।
तेलंगाना में छह लोगों की मौत
तेलंगाना में उन छह लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में भाग लिया था। दिल्ली में निजामुद्दीन इलाके के मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है। इस सभा में भाग लेने वालों में तेलंगाना के कुछ लोग भी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने कुछ दिन पहले आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के कारण सोमवार को निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी। अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में भाग लिया था। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे।
पुलिस ने बताया कि कोविड-19 के लक्षण के साथ 200 से अधिक लोगों को दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया। बयान के अनुसार तेलंगाना सरकार ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों से प्राधिकारियों को इसकी जानकारी देने को कहा है। सरकार उनकी नि:शुल्क जांच एवं उपचार कराएगी।