Home » बॉलीवुड » Movie Review: Shershaah

Movie Review: Shershaah

By Ranjana Pandey

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री दशकों से एक अलग तरह की ही दुनिया में जीती रही है। इस दुनिया में स्वस्थ आलोचना की जगह कम ही होती है। हर सितारे को सिर्फ अपनी तारीफ पसंद आती है। और, अब ये रोग उस ओटीटी को भी लग चुका है जिस पर फिल्म ‘शेरशाह’ प्रसारित हो रही है। फिल्म की रिलीज से पहले सारे जतन किए गए कि किसी तरह फिल्म ‘शेरशाह’ के बारे में सिर्फ अच्छी अच्छी ही बातें लिखी जाएं। लेकिन, अच्छी बात वही होती है जो पाठकों को किसी भी फिल्म, वेब सीरीज या डिजिटल फिल्म के लिए सच्ची सच्ची लिखी जाए। बजाय समीक्षकों पर मानसिक दबाव बनाने के प्राइम वीडियो अगर अपनी फिल्मों के चयन में ईमानदारी बरते तो उन्हें ये सब करने की जरूरत पड़ेगी नहीं।


प्राइम वीडियो पर ‘पाताल लोक’, ‘पंचायत’ जैसी दमदार वेब सीरीज भी प्रसारित हुई हैं और उनकी तारीफें भी हुईं। लेकिन, फिल्म ‘शेरशाह’ की रिलीज से पहले जिस तरह का माहौल बनाने की कोशिश की गई, उससे प्रतीत यही होता है कि ओटीटी के पास सही कंटेंट का चुनाव करने वाली टीम तो है ही नहीं, उनका प्रचार प्रसार देखने वाली टीम भी समीक्षकों को दबाव में रखकर अपनी पसंद के रिव्यूज लिखवाने में यकीन रखती है। लेकिन, ‘शेरशाह’ एक औसत फिल्म है और यही हकीकत है।


फिल्म ‘शेरशाह’ की सबसे कमजोर कड़ी है इसकी पटकथा। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सीरियल ‘परमवीर चक्र’ में अपने शहर के शहीद की कहानी देख फौज में जाने की प्रेरणा पाने वाले विक्रम की कहानी उसके जुड़वां भाई से सुनाते हुए फिल्म एक वॉर फिल्म की तरह कभी आगे बढ़ नहीं पाती है। दर्शकों को कदम कदम पर ये एहसास दिलाया जाता है कि ये जो संवाद अभी बोले जा रहे हैं, उनका मकसद आपको एक शहादत के लिए तैयार करना है। फिल्म अपने ईमानदार प्रयास से यहीं से भटकनी शुरू होती है। विक्रम बत्रा की कहानी ऐसी है कि वह देश में ज्यादातर लोगों को पता है। जो कुछ फिल्म में है वह पहले से सबको पता है। विक्रम मल्होत्रा किशोरावस्था में अपने से इक्कीस युवक से क्रिकेट बॉल छीनता है तो जो कुछ करता दिखता है, वह फिल्म को मदद नहीं करता और न ही वह संवाद फिल्म में कोई ड्रामा ला पाता है जब वह तिरंगे में लिपटकर वापस आने की बात करता है। शहादत की कहानियां इतने हल्के से नहीं लिखी जातीं।


फिल्म ‘शेरशाह’ की दूसरी सबसे कमजोर कड़ी है विक्रम बत्रा के किरदार में सिद्धार्थ मल्होत्रा की कास्टिंग। सिद्धार्थ की दैहिक भाषा फौजी की नहीं है। और, उनको एक फौजी के रूप में पेश करने के लिए उनकी ट्रेनिंग भी कायदे से नहीं हुई हैं। कारगिल युद्ध पर इससे पहले भी तमाम फिल्में बनी हैं लेकिन सबमें दिक्कत यही रही कि ये एक फौजी या उसके परिवार की मानवीय संवेदनाएं सामने लाने में चूक जाती रही हैं। फिल्म ‘शेरशाह’ में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने हालांकि दो रोल किए हैं, लेकिन उनके साथ दिक्कत यही है कि वह किरदार को समझने और उसे पढ़ने की मेहनत नहीं करते। निर्देशक विष्णु वर्धन की ये फिल्म सिद्धार्थ को सिनेमा में लाने वाले करण जौहर ने बनाई है और उनकी ही बनाई एक कारगिल वॉर फिल्म ‘गुंजन सक्सेना’ के सामने बहुत कमजोर फिल्म है।


निर्देशक विष्णु वर्धन ने फिल्म की पटकथा को संतुलित करने की अपनी तरफ से कोई कोशिश भी नहीं की है। एक वॉर फिल्म हमेशा एक समूह की वीरता से सांसें पाती है। फिल्म शुरू में हालांकि दिखाती है कि विक्रम अपने वरिष्ठों और कनिष्ठों में समान रूप से लोकप्रिय है लेकिन अपने जोड़ीदार के साथ आखिरी पराक्रम के लिए चुने जाने के ठीक पहले वाला सीन बहुत नकली लगता है। फिल्म के सहायक कलाकारों के किरदारों को ठीक से न पनपने देना फिल्म की चौथी कमजोर कड़ी है। साहिल वैद को तो फिर भी थोड़ा बहुत फुटेज फिल्म में मिला भी है लेकिन शिव पंडित, निकितिन धीर जैसे कलाकारों के साथ निर्देशक न्याय नहीं कर सके। शताफ फिगार ने अपनी तरफ से किरदार की कद्र करने की पूरी कोशिश जरूर की है।


फिल्म ‘शेरशाह’ को इसके रूमानी ट्रैक से मदद न मिल पाना इसकी आखिरी औऱ सबसे अहम कड़ी है। फिल्म ‘कबीर सिंह’ के बाद कियारा आडवाणी ने फिर एक बार अपने हुनर के साथ नाइंसाफी होने देने की इजाजत इस फिल्म में दी है। फिल्म में जब वह कहती है कि वह शादी या तो विक्रम से करेंगी या फिर कभी नहीं करेंगी। उनके किरदार का सेटअप और पे ऑफ बहुत बचकाना लगता है। पटकथा की प्रगति में भी उनका किरदार न भावनाएं जगा पाता है औऱ न ही उनका किरदार दर्शकों से कोई संबंध बना पाता है। फिल्म ‘शेरशाह’ सिर्फ सिद्धार्थ मल्होत्रा का करियर बचाने के लिए बनी एक ऐसी फिल्म है जो अपनी श्रेणी के साथ न्याय करने से तो चूकती ही है, इसके हीरो को भी उस मोड़ पर लाकर खड़ी कर देती है, जहां उनके आगे की राह और मुश्किल होती दिख रही है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment

HOME

WhatsApp

Google News

Shorts

Facebook