आपको बता दें कि हर जिले के एक ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल होता है। यह महिला अलग-अलग स्कूल से 30,000 रुपए वेतन उठा रही थी।
साइंस पढ़ाने वाली एक महिला शिक्षिका एक साथ 25 सरकारी स्कूलों में बच्चों को ज्ञान बांट रही थी। उत्तर प्रदेश के 25 स्कूलों में पढ़ाने वाली इस टीचर ने सरकार को 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगा दिया। मामला समाज के गरीब तबके की बच्चियों को शिक्षा देने के लिए बनाए गए Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya (KGBV) का है। इस टीचर ने एक साल में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की सैलरी उठाई है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि राज्य के अलग-अलग KGBV स्कूलों में इस टीचर ने एक ही समय में अपनी हाजिरी (अटेन्डेंस) भी दर्ज कराई। वो भी तब जब KGBV से जुड़े स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की रेगलुर जांच की जाती है। डेटा से पता चला है कि यह चालबाज शिक्षक मैनपुरी की रहने वाली हैं औऱ इनका नाम अनामिका शुक्ला है
असली पोस्टिंग की किसी को जानकारी नहीं: Director-General Of School Education, विजय किरण आनंद ने ‘Times Of India’ से बातचीत के दौरान जो कुछ भी बताया उसे सुनकर आप भी दांतों तले ऊंगलियां दबा लेंगे। विजय किरण आनंद ने कहा कि ‘हमें कोई जानकारी नहीं है कि वो असल में कहां पोस्टेड हैं? हम अलग-अलग जिलों से इस बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं। जानकारी मिली है कि अनामिका शुक्ला Ambedkar Nagar, Baghpat, Aligarh, Saharanpur और Prayagraj समेत कुछ अन्य जिलों में एक साथ पढ़ा रही थी।
ऐसे हुआ भंडाफोड़: इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब Manav Sampada पोर्टल पर KGBV स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के संबंध में डेटा तैयार किये जा रहे थे। उस डेटा में शिक्षकों की जानकारियां अपलोड की जाती हैं। इसमें ज्वायनिंग की तारीख, प्रोमोशन इत्यादि की जानकारी दी जाती है। डेटा बना रहे कर्मचारियों की नजर इस बात पर पड़ी की अनामिका शुक्ला नाम की एक महिला 25 स्कूलों में पढ़ा रही हैं
इन सभी स्कूलों में अनामिका शुक्ला से जुड़े डेटा एक ही थे। यह भी पता चला कि अनामिका शुक्ला अंतिम बार फरवरी के महीने में रायबरेली के KGBV स्कूल में पढ़ा रही थीं। इस मामले में सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय की तरफ से 6 जिलों के KGBV स्कूल प्रबंधन को खत भेजकर अनामिका शुक्ला के बारे में जानकारी मांगी गई है।
जांच के आदेश जारी: शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी महिला की इस फर्जीगीरी से हैरान हैं। विजय किरण आनंद ने कहा कि ‘कैसे एक शिक्षक अलग-अलग जगहों पर अपनी उपस्थिति एक साथ दर्ज करा सकती है? Prerna portal पर भी टीचर ने अपना अटेन्डेंस मार्क किया है। इस मामले में जांच की आवश्यकता है। मार्च में इस महिला शिक्षक के खिलाफ शिकायत मिली थी।
हमने अपने अधिकारियों से इस मामले में जांच के लिए कहा है। लॉकडाउन की वजह से उसके रिकॉर्ड के बारे में पता नहीं चल सकता था। मैंने 26 मई को अधिकारियों को दोबारा इस बारे में याद दिलाया है। अगर टीचर किसी भी तरह की फर्जीगीरी में शामिल पाई गईं तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।’
सभी स्कूलों से 30,000 रुपए वेतन ले रही थी: यहां आपको बता दें कि कस्तुरबा गांधी विद्यालय में शिक्षक कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किये जाते हैं और उन्हें 30,000 रुपए वेतन मिलता है। हर जिले के एक ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल होता है। यह महिला अलग-अलग स्कूल से 30,000 रुपए वेतन उठा रही थी।
खुलासा होने के बाद महिला को भी इस बारे में नोटिस भेजा गया था। हालांकि अभी तक आरोपी शिक्षिका ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है। शिक्षिका की पोस्टिंग, पता इत्यादि को लेकर जानकारियां प्रशासन के पास मौजूद हैं। इस कागजातों को फिलहाल उच्च अधिकारियों के पास सत्यापन के लिए भेजा गया है और उनकी सैलरी तुरंत रोक दी गई है