अजब-गजब: इस परिवार में मरने के बाद भी रहती है डेडबॉडी, लंच और अच्छे कपड़े भी मिलते है “Torajan People”

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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Torajan People: इंडोनेशिया में एक अजब गजब समाज है, जिस समाज में यदि परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो मौत के बाद मृत शरीर का ना तो अंतिम संस्कार किया जाता है और ना ही म्रत्यु के बाद बॉडी को दफनाया जाता है. बल्कि अंतिम संस्कार की जगह मृत व्यक्ति के शरीर को परिवार अपने साथ ही रखता है

उस समाज का नाम है तोराजन समाज (Torajan people of Indonesia) की माने तो तोराजन समाज व्यक्तियों को म्रत्यु को आध्यात्मिक तौर जीवन का एक हिस्सा ही मानते हैं इसी वजह से इस समाज के लोग मृत के बाद भी उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किये बिना उस सदस्य के साथ ही जीते हैं।

‘द गार्जियन’ में छपी खबर के अनुसार, परिवार में यदि कोई व्यक्ति की म्रत्यु होती है तो वो परिवार अपने मृत सदस्य के शव को सालों-साल तक अपने घरों में परिवार का हिस्सा बनाकर ही जीते जागते व्यक्ति की तरह ही रखते हैं, और हाँ सिर्फ साथ रखना ही काफी नहीं रोजाना उन्हें परंपरागत रूप से दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित भी किया जाता है ।

यह समाज ऐसा तब तक करता है जब तक कि उनका अंतिम संस्कार (दफना) ना दिया जाए, हम यहाँ जिस प्रकार की नार्मल लाइफस्टाइल में जीते हैं इससे बिलकुल विपरीत ही इंडोनेशिया में सुलावेसी के पहाड़ों में रहने वाले तोराजन समाज (Torajan people) की रहती है .

तोरजन समाज के लोग मृत व्यक्ति के साथ ऐसा व्यक्व्हार नहीं करते जैसे हम मृत व्यक्ति के साथ करते है बल्कि तोर्जन समाज मृत व्यक्ति से ऐसा व्यहार करता है जैसे की वो व्यक्ति सिर्फ बीमार हो ना कि मृत.

इंडोनशिया के तोराजा में हर दिन मृत व्यक्ति को खाना खिलाने और मृत व्यक्ति को घर के एक अलग कमरे में आराम से बिस्तर पर रखने की प्रथा है; यह उस समय तक किया जाता है जब तक उस मृत व्यक्ति का उचित अंतिम संस्कार परिवार के द्वारा नही किया जाता ।

जब आखिर में परिवार अंतिम संस्कार कर देता है तो उसके बाद, मृतकों को अंत में कब्र में दफना दिया हालाँकि कब्र में दफनाने के बाद साल में सिर्फ एक बार ही उन्हें याद नहीं किया जाता बल्कि उन्हें नियमित रूप से देखा जाता है, साफ़ सफाई की जाती है और मेनने (पूर्वजों की देखभाल) नामक एक अनुष्ठान भी किया जाता है उस समय उन्हें नए कपड़े दिए जाते हैं। 

तोरजनों के लिए उपहार में ताबूत देने की प्रथा है, जैसे कि कंगन या घड़ी, अन्य लोग अपने प्रियजनों के साथ हीरा भी गाड़ सकते हैं। कई बार इस कारण डकैती भी हो जाती है। कुछ तोरजन मृतकों के साथ रखने वाले अपने उपहारों को गुप्त रखते हैं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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