बन्दर को उम्रकैद : शराबी बन्दर को उम्रकैद, हरकतें जानकर आप भी होंगे हैरान
आपने अक्सर लोगों को उम्रकैद की सजा मिलने की खबर सुनी होगी, लेकिन कानपुर जिले में एक बन्दर को उम्रकैद की सजा मिली है। जी हां दरअसल, मामला यह है कि, मांस और मदिरा के शौक़ीन बंदर को तीन उम्र कैद की सजा मिली है। कलुआ नाम का बंदर तीन साल से कानपुर चिड़िया घर में बंद है। बंदर का पालन पोषण एक तांत्रिक ने किया था।
बन्दर को उम्रकैद का ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, मिर्जापुर के एक बंदर को कानपुर के प्राणी उद्यान में उम्र भर रखा गया है। तीन वर्ष पूर्व मिर्जापुर जिले के शहर और कटरा कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बंदर आतंक का पर्याय बन गया था। वह सैकड़ों लोगों को काट चुका था।
दिसंबर में उसका आतंक चरम पर पहुंच गया था। वह महिलाओं व छोटी बच्चियों के चेहरे को काट कर भाग जाता था। इसी के चलते कलुआ नाम का बंदर बीते तीन साल से कानपुर जू में बंद है। कलुआ शराब और मांस का शौकीन था।
दरअसल इस बंदर का पालन पोषण एक तांत्रिक ने किया था। तांत्रिक बंदर को रोजाना शराब और मांस खिलाता था। तांत्रिक की मौत के बाद बंदर को शराब और मांस मिलना बंद हो गया था। इसके बाद बंदर इतना आक्रामक हो गया कि उसने महिलाओं और बच्चों को शिकार बनाना शुरू दिया।
पशु चिकित्सा अधिकारी मोहम्मद नासिर ने बताया कि पुरुष के पास आने पर वह गुस्साता था, पर महिलाओं को दूर से ही इशारे कर पास बुलाता। महिलाएं जब पिंजड़े के पास आ जाती तो उन्हें काटने के लिए दौड़ता।
बन्दर को उम्रकैद की इसीलिए मिली सजा
प्राणी उद्यान के अस्पताल में काफी समय तक उसे आइसोलेशन में रखा गया। पिंजड़े में कैद बंदर की हर हरकत और गतिविधियों पर डॉक्टर और विशेषज्ञ नजर रखे थे। लेकिन तीन वर्ष तक उसके व्यवहार में कोई नरमी या सुधार देखने को नहीं मिला। इसके चलते प्राणी उद्यान के डाक्टर और विशेषज्ञ ने उसे ताउम्र पिंजड़े में ही कैद रखने का फैसला लिया।