मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में महिला पुरुषों के मुकाबले आगे हैं। सरकार के द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में अब महिलाएं भारी वाहन चलाने के मामले में भी आगे निकल आई है जिसमें इंदौर का पहला नाम है।
वहीं दूसरे नंबर पर भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर सबसे पीछे हैं। अगर आर्थिक राजधानी इंदौर की बात करें तो यहां 5 साल में सबसे अधिक 528 और राजधानी भोपाल में 303 महिलाओं ने हैवी लाइसेंस बनवाए हैं, जबकि 5 साल में ग्वालियर की बात करें तो यहां सिर्फ 29 महिलाओं ने ही हैवी लाइसेंस बनवाए हैं।
हैवी लाइसेंस बनवाने में महिलाएं सबसे आगे
दरअसल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिवराज सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में एक तरफ उनके लिए महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़कर भी उन्हें लाभ देने की कोशिश की जा रही है। वहीं दूसरी ओर अब महिलाएं भारी वाहन चलाने के मामले में सबसे आगे पहुंच गई है जिसमें इंदौर में महिलाएं सबसे पहले पायदान पर है जिन्होंने हैवी लाइसेंस बनवाए हैं।
निशुल्क शिविर में महिलाओं ने दिखाई दिलचस्पी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिनों पहले परिवहन विभाग के द्वारा महिलाओं के निशुल्क लाइसेंस बनाने के लिए शिविर आयोजित किया था। इस अभियान में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था जिसमें हैवी लाइसेंस भी कई महिलाओं ने बनवाए थे। वहीं लाइट मोटर व्हीकल के करीब 22000 से ज्यादा लाइसेंस क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने जारी किए हैं।
जानिए इन जिलों के आंकड़ों पर नजर
वहीं महामारी के दौर की बात करें तो सबसे अधिक हैवी लाइसेंस आरटीओ की तरफ से जारी किए गए हैं। इस दौरान कई लोगों की नौकरी चली गई तो महिलाएं भी घर से बाहर निकल कर नौकरी करने लगी। ऐसे में 11 महिलाओं ने हेवी लाइसेंस बनवाए थे।
अगर इंदौर में साल दो हजार 2017—18 के आंकड़ों पर नजर डालें तो 7239 लाइट और 163 हैवी लाइसेंस बनाए गए थे, वहीं 2018—19 में 7847 लाइट और 131 हैवी लाइसेंस बनाए थे। इसी तरह साल 2020 और 21 में 5453 लाइट और 93 हैवी लाइसेंस बने। वहीं साल 2021 और 22 में 4032 लाइट और 79 हेवी लाइसेंस बनाए गए हैं।