UP Panchayat Chunav 2021 तारीखें हुई घोषित : 30 अप्रैल को प्रधान पद तो 15 मई तक ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत पद के लिए होंगे मतदान – उत्तरप्रदेश (UP) में हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) की तारीखों की घोषणा कर दी है. हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पंचायत चुनाव 2021 के लिए 30 अप्रैल तक प्रधान के चुनाव करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में जिला पंचायत अध्यक्ष (UP Jila Panchayat Adhyaksh) और ब्लॉक प्रमुख (Block Pramukh) के चुनाव 15 मई तक कराने के निर्देश दिए हैं
जानकारी के लिए आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश (UP) में मई तक पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav 2021) कराने का शेड्यूल हाईकोर्ट में पेश किया था। अपने शेड्यूल में चुनाव आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि 22 जनवरी को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची तैयार हो गई है। 28 जनवरी तक परिसीमन का काम भी पूरा हो गया, लेकिन सीटों का आरक्षण राज्य सरकार (State Government) को फाइनल करना है इसलिए अब तक चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया जा सका है। आयोग ने बताया कि सीटों का आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में 45 दिन का समय लगेगा।
जिसपर हाईकोर्ट ने कहा कि पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) मई में कराने का प्रस्ताव प्रथम दृष्टया स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि नियमानुसार 13 जनवरी 2021 तक पंचायत चुनाव पूरे करा लिए जाने थे। बता दें कि, विनोद उपाध्याय (Vindo Upadhyay) की याचिका पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से पंचायत चुनाव को लेकर जानकारी तलब की थी। जिसके बाद आयोग द्वारा जो शेड्यूल पेश किया गया, उसे हाईकोर्ट ने संवैधानिक उपबंधों के विपरीत मानते हुए अस्वीकार कर दिया।
यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस बरकरार
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर असमंजस बरकरार है। लोगों की निगाहें आरक्षण (Aarakshan) सूची पर टिकी हुई हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा कर लें। जानकारी के अनुसार इसके फरवरी (February) के आखिरी सप्ताह या मार्च के प्रथम सप्ताह तक फाइनल होने की संभावना है। लिस्ट फाइनल होने के बाद सरकार आयोग को सूचित कर देगी।
उत्तर प्रदेश (UP) में इस बार होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव (Tri Stareey Panchayat Chunav) में ऐसी क्षेत्र व जिला पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की जाएंगी जो पिछले पांच चुनाव में अब तक कभी आरक्षित ही नहीं हो सकीं। राज्य सरकार पंचायतीराज निदेशालय से मिले आंकड़ों और प्रस्तावों के आधार पर कुछ ऐसा ही फार्मूला तैयार करवाने में जुटी है।