MP में लागू हुआ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020, 10 साल की सजा का प्रावधान

By Khabar Satta

Updated on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

भोपाल: मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर बने कानून को शनिवार को लागू कर दिया। अब राज्य में धर्मांतरण करवाकर विवाह करने या करवाने वाले को एक से 10 साल तक की सजा हो सकती है। धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 का अध्यादेश को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मंजूरी के बाद शनिवार से लागू कर दिया गया। गृह विभाग ने मध्यप्रदेश राजपत्र में धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 को अधिसूचित कर दिया गया है
धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 का अध्यादेश को राज्य पाल की मंजूरी के बाद प्रदेश के सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को नए कानून सम्बंधी सूचना जारी कर दी गई है। गुरुवार को राज्यपाल के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के बाद आज से यह कानून प्रदेश में लागू हो गया है।

प्रावधान

  • लव जिहाद जैसे मामलों में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
  • किसी को बहलाकर-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।
  • लव जिहाद का अपराध गैर जमानती होगा।
  • धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा
  • बिना आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।
  • धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता-पिता, परिजन द्वारा की जा सकती है।
  • अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
  • लव जिहाद से पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान है।
  • लव जिहाद साबित होने के बाद यदि विवाह शून्य घोषित होता है तो इससे जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होगे।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Leave a Comment