चीन से जारी टकराव को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज दोपहर 12 बजे राज्यसभा में देंगे बयान

SHUBHAM SHARMA
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नई दिल्ली। लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी चीन के साथ जारी तनातनी के मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। हां, विपक्ष को संक्षिप्त स्पष्टीकरण का अवसर जरूर दिया जा सकता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार दोपहर 12 बजे राज्यसभा में चीन से जारी टकराव को लेकर बयान देंगे।

सीमा के हालातों को लेकर राज्यसभा में बहस नहीं करायी जा सकती

सरकार ने बुधवार को राज्यसभा के सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाकर साफ संकेत दे दिया कि सीमा के हालातों की संवेदनशीलता को देखते हुए सदन में अभी इस पर बहस नहीं करायी जा सकती। हालांकि चीनी अतिक्रमण को गंभीर बताते हुए कांग्रेस अभी भी बहस की मांग पर अड़ी हुई है।

राजनाथ द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में चीन के साथ तनाव का मुद्दा उठा

लोकसभा के मुकाबले राज्यसभा में विपक्षी दल ज्यादा मजबूत हैं और इसीलिए सरकार की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी दलों को भरोसे में लेने की रणनीति के तहत बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। एलएसी के अलावा बैठक में मानसून सत्र के दौरान सदन में पारित किए जाने वाले विधेयकों और चर्चा के विषयों पर भी मंत्रणा हुई। राज्यसभा में लगभग सभी दलों के नेता इसमें शरीक हुए। एलएसी पर चीन के साथ तनाव का मुद्दा उठा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस समेत कुछ दलों के नेताओं ने कहा कि लोकसभा में रक्षामंत्री का बयान एकतरफा रहा। इस पर बहस की बात तो दूर विपक्षी दलों को सवाल करने तक का मौका नहीं दिया गया।

रक्षामंत्री चीन के साथ तनाव मामले पर राज्यसभा में देंगे बयान

सूत्रों के अनुसार रक्षामंत्री ने बैठक में इस पर कहा कि वे सदन में बयान देंगे और आसन जो भी निर्देश देगा उसके अनुरूप जवाब देने के लिए तैयार हैं। ऐसे में इस बात की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा कि भले एलएसी पर चीनी अतिक्रमण से जुड़े विवाद पर चर्चा न हो मगर रक्षामंत्री विपक्ष के कुछ एक स्पष्टीकरण का जवाब दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों ने रक्षामंत्री से यह भी कहा कि सदन को वे इस बात से भी अवगत कराएं कि गलवन घाटी में 15 जून को आखिर क्या हुआ था।

संसद को बिना रोक टोक चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष के बीच हुई वार्ता

इस बैठक के दौरान मानसून सत्र में कामकाज को बिना रोक टोक चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति के बिंदुओं पर बातचीत हुई। राज्यसभा में पारित किए जाने वाले विधेयकों पर सदन में टकराव टालने के लिए मतभेद के सवालों पर चर्चा हुई। कोरोना काल में मानसून सत्र की कम अवधि को देखते हुए सरकार की कोशिश है कि सभी महत्वपूर्ण विधेयकों पर विपक्षी पार्टियों के साथ सदन के बाहर ही सहमति बना ली जाए। जिन विधेयकों पर सरकार और विपक्ष के बीच गंभीर मतभेद हैं उन्हें संसदीय स्थाई समिति या प्रवर समिति में भेजे जाने के मुद्दे पर भी बैठक में प्रारंभिक चर्चा हुई।

विधेयकों और अध्यादेशों को पारित कराने पर सहमति नहीं तो सत्र बढ़ सकता है- संसदीय कार्यमंत्री

संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बैठक में कहा कि विधेयकों और अध्यादेशों को पारित कराने पर सहमति का अभाव रहेगा तो कोविड काल में सत्र बढ़ाने के विकल्प पर गौर करना पड़ सकता है। वहीं विपक्षी दलों ने लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था और रोजगार में भारी गिरावट, राज्यों को जीएसटी का हिस्सा नहीं दिए जाने, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और पर्यावरण प्रभाव आकलन के मसौदे जैसे विषयों पर बहस कराए जाने को अनिवार्य बताया।

सवर्दलीय बैठक में राजनाथ, नरेंद्र सिंह तोमर, गुलाम नबी आजाद, रामगोपाल यादव, त्रिची शिवा थे

सवर्दलीय बैठक में राजनाथ सिंह के साथ सरकार की ओर से नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल और अर्जुन राम मेघवाल मौजूद थे। जबकि कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, टीएमसी के डेरेक ओब्रायन, सपा के रामगोपाल यादव, राजद के मनोज झा, द्रमुक के त्रिची शिवा और टीआरएस के केशव राव आदि मौजूद थे।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.