दुश्‍मन के खिलाफ मजबूत भारत, Indian Air Force में शामिल हुए ये लड़ाकू विमान

By SHUBHAM SHARMA

Published on:

नई दिल्ली: चीन के साथ सीमा (India China Dispute) पर तनावपूर्ण गतिरोध के बीच प्रमुख अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से अंतिम पांच हेलीकाप्टर पिछले महीने भारतीय वायुसेना को सौंप दिये और यह पूरी फ्लीट अब वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास प्रमुख हवाई ठिकानों पर तैनात विमानों एवं हेलीकाप्टरों का हिस्सा बन गई है. बोइंग ने कहा कि उसने सभी 22 अपाचे और 15 चिनूक सैन्य हेलीकाप्टरों की भारतीय वायुसेना को आपूर्ति पूरी कर दी है और वह भारतीय सशस्त्र बलों की संचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

एएच-64ई अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना द्वारा उड़ाया जाता है. चिनूक एक बहुद्देश्यीय वर्टिकल लिफ्ट हेलीकाप्टर है जिसका उपयोग मुख्य रूप से सैनिकों, तोपखाने, उपकरण और ईंधन के परिवहन के लिए किया जाता है.

भारत ने सितंबर 2015 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे हेलीकाप्टर और 15 चिनूक हेलीकाप्टरों की खरीद के लिए बोइंग के साथ कई अरब डॉलर के एक अनुबंध को अंतिम रूप दिया था. वहीं भारतीय सेना के लिए छह अपाचे हेलीकाप्टरों की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर गत फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान किये गए थे.

अधिकारियों ने कहा कि अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टरों, दोनों को ही पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में भारतीय वायुसेना की तैनाती के तहत सेवा में लगाया गया है. हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से पूर्वी लद्दाख में अग्रिम स्थानों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए किया जा रहा है, जहां भारत और चीन की सेनाओं के बीच आठ सप्ताह से गतिरोध था. दोनों पक्षों ने इस सप्ताह तीन प्रमुख गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को कम किया है.

बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र आहूजा ने कहा, ‘सैन्य हेलीकाप्टरों की इस आपूर्ति के साथ ही हम इस साझेदारी का पोषण करना जारी रखे हुए हैं. हम भारत के रक्षा बलों की संचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें उपयुक्त क्षमताएं उपलब्ध कराने के लिए उनके साथ नजदीकी तौर पर काम काम करने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.’ भारत अपाचे का चयन करने वाले 17 देशों में से एक है और इसका सबसे उन्नत संस्करण एएच-64ई अपाचे है. भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और प्रतिरक्षा संबंध पिछले छह वर्षों से और प्रगाढ़ हुए हैं. द्विपक्षीय रक्षा व्यापार 2019 में 18 अरब अमरीकी डॉलर पर पहुंच गया जो दोनों पक्षों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाता है.

दोनों पक्ष रक्षा विनिर्माण में दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त उद्यम और सहयोग के लिए भी जोर दे रहे हैं.जून 2016 में अमेरिका ने भारत को एक ‘प्रमुख रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया था और भारत के साथ रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी साझा करने को अपने निकटतम सहयोगियों और साझेदारों के स्तर तक बढ़ाने की इच्छा जताई थी.

बोइंग ने एक बयान में कहा कि एएच-64ई अपाचे में लक्ष्य का पता लाने की एक आधुनिक प्रणाली लगी है जो दिन और रात दोनों समय काम करती है. उसने कहा कि दुनिया भर में 20 रक्षा बलों के पास या तो चिनूक सेवा में हैं, या उन्हें प्राप्त करने के लिए अनुबंध पर हैं. हैदराबाद में टाटा के साथ बोइंग का संयुक्त उद्यम अमेरिकी सेना और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों, दोनों के लिए एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए एयरो-संरचनाओं का निर्माण कर रहा है.

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

Leave a Comment