नई दिल्ली: मुंबई में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने सोमवार (8 जून) को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने उसकी 1400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया. नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के धोखाधड़ी मामले का मुख्य आरोपी है.
इससे पहले दिसंबर 2019 में हीरा व्यापारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था. वर्तमान में, नीरव मोदी 19 मार्च, 2019 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद हैं. उस पर पीएनबी घोटाले (PNB Fraud case) में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) जारी करने के प्रमुख लाभार्थी होने का आरोप है.
नीरव मोदी ने पांच बार जमानत की अर्जी दी लेकिन सभी दलीलों को खारिज कर दिया गया.
इससे पहले 11 मई को, COVID-19 महामारी के मद्देनजर ब्रिटेन की अदालतों में लगाई गई सोशल डिस्टेंसिंग प्रक्रियाओं के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लंदन में एक अदालत के समक्ष 49 वर्षीय मोदी को पेश किया गया था.
पीएनबी घोटाले के मद्देनजर, नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के उसके अंकल मेहुल चोकसी की प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही है. ईडी ने चोकसी के खिलाफ मुंबई में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था