नई दिल्ली । कॉलर आईडी ऐप Truecaller डाटा लीक का एक नया मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने 4.75 करोड़ भारतीय यूजर्स का Truecaller डाटा 75,000 रुपये में सेल पर रखा है। ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म Cyble की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने भारतीय यूजर्स के निजी डाटा को सेल पर रखा है। हालांकि, Truecaller के प्रवक्ता ने किसी भी तरह के डाटा ब्रीच को नकार दिया है। उनका कहना है कि साइबर अपराधी Truecaller का नाम लेकर डाटा सेल कर रहे हैं ताकि डाटा सही लगे।
Cyble ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि हमारे रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि डाटा सेल करने वाले साइबर अपराधी 47.5 मिलियन (4. 75 करोड़) भारतीय यूजर्स के Truecaller डाटा को USD 1,000 (लगभग 75,000 रुपये) में सेल के लिए रखा है। Truecaller यूजर्स का ये डाटा 2019 में कलेक्ट किया गया है। हम आश्चर्य में है कि यूजर्स का निजी डाटा इतने सस्ते में बेचा जा रहा है
साइबर अपराधियों द्वारा सेल किए जा रहे भारतीय यूजर्स के इन Truecaller डाटा में यूजर्स के फोन नंबर, जेंडर, शहर, मोबाइल नेटवर्क, फेसबुक आईडी समेत कई जानकारियां शामिल हैं। Cyble रिसर्चर्स यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस डाटा लीक की वजह से भारतीय यूजर्स को स्पैम, स्कैम या किसी भी तरह की साइबर क्राइम जैसी घटनाओं का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है। अपने ब्लॉग में Cyble ने आगे लिखा है कि हमें जैसे ही और जानकारियां मिलेंगी, हम अपने ब्लॉग को अपडेट करेंगे।
हालांकि, Truecaller ने यह साफ किया है कि हमारे डाटाबेस में किसी भी तरह की ब्रीच आइडेंटिफाई नहीं की गई है। हमारे सभी यूजर्स की जानकारियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हम अपने यूजर्स की प्राइवेसी और सर्विस को गंभीरता से लेते हैं और लगातार किसी भी तरह की संदेहास्पद गतिविधि पर नजर बनाए रखते हैं। Truecaller प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘कंपनी के इसी तरह के डाटा बेचने के बारे में पिछले साल मई में पता लगा था। क्या पता उनके पास पिछले साल वाला ही डाटाबेस हो। साइबर अपराधियों के लिए ये बड़ी बात नहीं है कि वो मल्टीपल फोन नंबर को डाटाबेस में डालकर उसपर Truecaller का स्टाम्प लगा ले ताकि उसे आसानी से बेचा जा सके। हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वो इन साइबर अपराधियों के जाल में न फंसें।’
निजी डाटा लीक की वजह से साइबर अपराधी कई तरह की ऑनलाइन क्राइम को अंजाम देते हैं, जिनमें निजी जानकारियों का इस्तेमाल करके साइबर थेफ्ट, स्कैम्स जैसे अपराध शामिल हैं। पिछले सप्ताह भी Cyble ने 2.9 करोड़ भारतीय यूजर्स की निजी जानकारियों के चोरी होने के बारे में पता लगाया था। ये निजी जानकारी किसी जॉब साइट से चुराई गई थी।