तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 15 वर्षीय लड़की को कथित रूप से दो परिवारों के बीच चली आ रही पुरानी रंजिश के चलते दो लोगों ने जिंदा जला दिया. गंभीर रूप से घायल लड़की ने घटना के एक दिन बाद सोमवार को लड़की ने दम तोड़ दिया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.
पीड़िता के रिश्तेदार दोनों आरोपियों की पहचान सत्तारुढ़ अन्नाद्रमुक के सदस्यों के रूप में हुई है. द्रमुक के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और कड़ी सजा दिलवाने की मांग की है. इस बीच अन्नाद्रमुक ने पार्टी के आदर्शों के खिलाफ काम करने के कारण दोनों को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की.
हत्या की कड़ी भर्त्सना करते और शोक जताते हुए हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि यह घटना हृदयविदारक थी. उन्होंने दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया. पलानीस्वामी ने कहा कि उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘ मैंने लड़की के परिवार को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का आदेश दिया है.
10वीं क्लास में पढ़ती थी छात्रा
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार को 57 वर्षीय मुरुगन और कालिपरुमल (53) ने दसवीं कक्षा की छात्रा को उसके गांव सिरुमदुरई में कथित तौर पर जला दिया था. उन्होंने बताया, ‘‘उसे यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि वह 80 फीसदी जल चुकी थी. इलाज का कोई असर नहीं हुआ और सोमवार को उसने दम तोड़ दी.’’ अधिकारी ने बताया कि मरते से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये अपने बयान में दोनों आरोपियों की पहचान की और बताया कि दोनों ने ही उसे जलाया था.
आरोपितों में एक नगरपालिका का पूर्व पार्षद
स्टालिन ने सोमवार को कहा कि आरोपितों में से एक नगरपालिका का पूर्व पार्षद है। उन्होंने दावा किया कि आरोपितों ने किशोरी जयश्री के हाथ-पैर बांधकर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उसे जिंदा जला दिया। तिरुवेन्नैनल्लूर के करीब सिरुमादुरई कॉलोनी में यह घटना उस समय हुई जब छात्रा घर पर अकेली थी। बताया जाता है कि आरोपितों की छात्रा के पिता जयपाल के साथ पुरानी दुश्मनी थी।
मौत से पहले छात्रा ने अन्नाद्रमुक के दो सदस्यों को बताया दोषी
द्रमुक प्रमुख ने कहा कि 95 फीसद जली अवस्था में छात्रा को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां मौत से पहले मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में उसने अन्नाद्रमुक (AIADMK) के दो सदस्यों को दोषी बताया था। स्टालिन ने कहा कि अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं द्वारा किसी छात्रा को जिंदा जलाने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले वर्ष 2000 में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने धर्मपुरी में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की बस में आग लगा दी थी, जिसमें तीन छात्राएं जिंदा जल गई थीं।