चुनाव आयोग ने राज्य में विधान परिषद चुनाव कराने का फैसला ले लिया है. आयोग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके मुताबिक, राज्य की 9 सीटों पर अब 21 मई को चुनाव होगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर मंडरा रहा संकट खत्म होता दिख रहा है. चुनाव आयोग ने राज्य में विधान परिषद चुनाव कराने का फैसला ले लिया है. आयोग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके मुताबिक, राज्य की 9 सीटों पर अब 21 मई को चुनाव होगा.
दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 खाली सीटों पर चुनाव कराया जाए. राज्यपाल ने कहा था कि राज्य में मौजूदा संकट को खत्म को देखते हुए विधान परिषद की सीटों पर चुनाव का ऐलान हो, जो 24 अप्रैल से खाली हैं. अब आयोग ने चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है.
राज्यपाल ने क्या कहा था
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन के बीच कई छूट और उपायों का एलान किया है. ऐसे में विधान परिषद के चुनाव कुछ दिशानिर्देशों के साथ हो सकते हैं, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने राहत की सांस ली है.
उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट से दो बार प्रस्ताव पास कर भेजा था. इस पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी लंबे समय तक चुप थे, जिसके बाद उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन कर मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद अब महाराष्ट्र में सियासी संकट खत्म होता दिख रहा है.
क्यों जरूरी है चुनाव
उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी वह विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. संविधान के तहत उन्हें सीएम बनने के 6 महीने के अंदर यानी 27 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है. उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है.