अन्नदाता सुपर फास्फेट से किसानों की सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल खराब

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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केवलारी- यूं तो कहा जाता है कि किसान ही देश की रीड की हड्डी है और किसान की प्रगति मैं ही देश की प्रगति है। परंतु सरकार ही जब किसान की रीड की हड्डी तोड़ने लगे एवं शासकीय संस्थानों पर ही जब अमानक स्तर की खाद मिलने लगे तो किसान क्या करें एवं किस पर विश्वास करें ? मामला सिवनी जिले के केवलारी विकासखंड का है जहां किसानों का आरोप है की शासन द्वारा संचालित सेवा सहकारी समितियों के द्वारा अन्नदाता ब्रांड का सुपर फास्फेट किसानों को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया गया। किसानों ने हमेशा की तरह अपनी गेहूं की फसल को अन्य सुपर फास्फेट की तरह ही अन्नदाता सुपर फास्फेट के साथ मिलाकर बोनी की।

परंतु किसानों ने पाया कि समय पर पानी एवं खाद डालने के बाद भी उनकी गेहूं का अंकुरण जमीन के बाहर नहीं आया । जब किसानों ने चर्चा के दौरान अपनी गेहूं खराब हो जाने की बात अन्य किसानों से की तो पाया गया कि केवलारी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले अलग अलग गांवो के 200 से अधिक किसान इस समस्या से ग्रसित पाए गए। अर्थात अन्नदाता ब्रांड के अमानक सुपर फास्फेट का उपयोग जिन जिन किसानों के द्वारा बोनी के दौरान अपने खेतों मैं किया गया था उनकी गेहूं की फसल खराब हो गई। जिससे किसान बेहद चिंतित एवं परेशान है क्योंकि किसानों को दोबारा अपने खेतों पर गेहूं की बोनी करना पड़ेगा जिसमें अत्यधिक खर्च आएगा एवं उनके सामने अपने परिवार के पालन पोषण के लिए समस्या उत्पन्न हो गई हैl

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रवक्ता आशीष भैरम ने कहा कि एक तरफ किसानों को फसल बीमा योजना में लूटा जा रहा है, फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है, फसल बेचने पर उसका भुगतान भी सही समय पर नहीं मिलता है, किसानों को गेहूं का बोनस भी नहीं दिया गया, कर्ज माफी में भी किसानों को धोखा ही मिला इसके बाद शासकीय सहकारी सोसायटी द्वारा नकली खाद से किसानों को लाखों का नुकसान होता है, सरकार यदि किसानों की नहीं सुनेंगी तो किसान कहां जाएगा l देश में प्रतिदिन 35 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं l सरकार को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना होगा, अन्यथा किसान तो बेमौत ही मर जाएगा l

भैरम ने बताया कि स्थानीय किसान एवं किसानों के लिए आवाज उठाने वाले संजीत बघेल एवं शिवम बघेल के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई की अन्नदाता ब्रांड के सुपर फास्फेट से किसानों कि गेहूं की फसल खराब हो गई, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने मांग की है कि जल्द से जल्द किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाए एवं आरोपी कंपनी एवं अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाए अन्यथा आंदोलन का रास्ता खुला है ।

किसानों ने दिया मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम ज्ञापन

केवलारी विकासखंड के बगलई सेवासहकारी समिति के अंतर्गत आने वाली ग्रामों जैसे बग्लाई, जामुनपानी, कोहका,डोकररांजी,मोहगांव एवं सेवा सहकारी समिति सुनहरा के अंतर्गत आने वाले ग्रामों जैसे सुनहरा, खापा, किमाची, पुतर्रा,खेररान्जी आदि सैकड़ों गांव के किसानो की अन्नदाता ब्रांड के सुपर फास्फेट की वजह से हजारों एकड़ की गेहुँ खराब हो चुकी है। जिसकी पीड़ित किसानों द्वारा लिखित शिकायत मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम अनुविभागीय अधिकारी केवलारी को की जा चुकी है। जिसके बाद कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि अधिकारी ऍम.आर.मरावी एवं उनकी टीम द्वारा मौके का मुआयना किया गया जिसमें किसानों के द्वारा लगाया गया आरोप सही पाये गए । कृषि अधिकारियों द्वारा मौके पर पंचनामा तैयार कर उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही गई और अन्नदाता सुपर फास्फेट की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया।

अन्नदाता सुपर फास्फेट पर लगे रोक और हो सख्त से सख्त कार्रवाई

केवलारी विकासखंड के लगभग 200 से अधिक किसानों की अन्नदाता ब्रांड के सुपर फास्फेट मिलाने से गेहूं की बोनी खराब हो चुकी है। किसानों का आरोप है कि बिना किसी गुणवत्ता जांच के सरकार द्वारा अन्नदाता सुपर फास्फेट सेवा सहकारी समितियों के द्वारा जनता तक कैसे पहुंचाया गया जिसके कारण हजारों एकड़ की गेहूं की बोनी खराब हो गई है अतः समस्त किसानों की मांग है कि अन्नदाता सुपर फास्फेट पर तुरंत रोक लगाई जाए और इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। एवं उक्त निर्माता कंपनी को बंद कर उस पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाए ताकि भविष्य में फिर कोई किसानों के साथ धोखाधड़ी ना कर पाए|

क्या करें पीड़ित किसान, जिनकी गेहूँ अन्नदाता सुपर फास्फेट से खराब हुई है

जब इस मामले में कृषि विस्तार अधिकारी श्री एम.आर. मरावी से बात की और उनसे पूछा कि जिन किसानों की गेहूँ इस खाद के उपयोग से खराब हुई है वह अब क्या कर सकते हैं? तो कृषि विस्तार अधिकारी एम.आर. मरावी ने बताएं कि जिन जिन किसानों की बोनी अन्नदाता सुपर फास्फेट के कारण खराब हुई है वह अपने खेतों की फोटो एवं वीडियो बनाकर अपने पास सुरक्षित रखें एवं अपने नाम का आवेदन संबंधित तहसीलदार के समक्ष प्रेषित करें जिससे आगामी कार्रवाई करने में प्रशासन को सुविधा होगी।

इनका क्या कहना है

  • किसानों के द्वारा शिकायत किए जाने पर हमारे द्वारा मौके पर जाकर मुआयना किया गया जिसमें पाया गया कि जिन किसानों ने अन्नदाता सुपर फास्फेट का उपयोग किया था उनकी गेहूं के अंकुरण जमीन के बाहर नहीं आए हैं और जिन्होंने उपयोग नहीं किया है उनकी गेहूं के अंकुरण जमीन के बाहर आ गए हैं। उक्त पूरे मामले में पंचनामा तैयार कर हमारे द्वारा उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है आगे जो भी होगा आपको सूचित कर दिया जाएगा।-

एम.आर.मरावी,वरिष्ठ कृषि अधिकारी केवलारी

ग्राम बगलई के कृष्णा चंदेल पिता कमल चंदेल की 1 हेक्टेयर भुमि, नत्थू पिता खूबचंद की 4 एकड़ भुमि,घनश्याम पिता बहादुर की 10 एकड़ जमीन, मनोज पिता गूगल प्रसाद की 1 हेक्टेयर भूमि, कैलाश पिता घनश्याम की 1 एकड़ भूमि, कुंवर लाल पिता घनश्याम की 1 हेक्टेयर भूमि, गोविंद पिता कोमल 3 एकड़ भूमि, रतन पिता गोविंद की 5 एकड़ भुमि, घसीटा पिता रामचरण 3 एकड़ भूमि ,बसंत पिता प्रेमलाल 3 एकड़ भूमि, ठल्लू पिता प्रेमलाल 12 एकड़ भूमि, अज्जू पिता नत्थू लाल की 5एकड़ भुमि, प्रमोद दयाराम प्रेमवती खूबचंद 3 एकड़ भुमि एसे ही उक्त खाद की वजह से बगलई सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले ग्रामो जेसे अलोनीखापा, बेहनाटोला, कोहका, जामुनपानी, मोहगांव इत्यादि के सैकड़ों किसानों की गेहूं खराब हुई है ऐसे ही सुनहरा सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले ग्राम सुनहरा,खापा, किमाची ,पुतर्रा, खैररान्जी इत्यादि ग्रामों की किसानों की भी गेहूं उक्त खाद की वजह से खराब होने की खबरें सामने आ रही है

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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