सिवनी कलेक्टर, एसपी, तहसीलदार को जबलपुर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस: झाबुआ पावर प्लांट से निकली फ्लाई ऐश डाली जा रही थी खेतों में

जबलपुर हाईकोर्ट ने झाबुआ पावर लिमिटेड को जारी किया नोटिस

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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SEONI COLLECTOR, SEONI SP, SEONI TEHSILDAR, Jhabua Power Limited, MP Pradushan Niyantran Board को Jabalpur High Court ने जारी किया NOTICE: Jhabua Power Plant से निकली Fly ASH डाली जा रही थी खेतों में

सिवनी: जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने झाबुआ पावर लिमिटेड (Jhabua Power Limited) द्वारा निकलने वाली फ्लाई ऐश (FLY ASH) को किसानों के खेतों में डाले जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते दिनों झाबुआ पावर लिमिटेड (Jhabua Power Limited), मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MP Pradushan Niyantran Board), सिवनी कलेक्टर (Seoni Collector), पुलिस अधीक्षक (Seoni SP) और नायब तहसीलदार (Nayab Tehsildar) को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सिवनी कलेक्टर को तीन दिनों के भीतर शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकारी अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं।

फ्लाई ऐश से खेतों को हो रहा गंभीर नुकसान

झाबुआ पावर लिमिटेड के प्लांट से निकलने वाली फ्लाई ऐश (राखड़) को किसानों के खेतों में अवैध रूप से डाले जाने से खेतों की उर्वरक क्षमता समाप्त हो रही है। यह याचिका सिवनी निवासी रामगोपाल अर्जुले द्वारा दायर की गई थी, जिसमें बताया गया कि उनके रजगढ़ी गांव स्थित खेतों में जबरदस्ती फ्लाई ऐश डाली जा रही है।

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि सैकड़ों ट्रकों के माध्यम से राख को खेतों में डालने से मिट्टी की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। फ्लाई ऐश में मौजूद रासायनिक तत्व भूमि की उर्वरकता को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे फसल उत्पादन में गिरावट आ रही है।

पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें, लेकिन प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब इस मुद्दे को उठाया गया हो। याचिकाकर्ता ने पहले भी तहसीलदार, कलेक्टर और एसपी से शिकायत की थी, लेकिन इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।

2023 में भी याचिकाकर्ता के खेतों में जबरदस्ती फ्लाई ऐश डाली गई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।

सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर याचिकाकर्ता को दी गई धमकी

याचिकाकर्ता ने जब इस मुद्दे को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के रूप में दर्ज कराया, तो उन्हें अधिकारियों द्वारा धमकाया गया कि अगर उन्होंने अपनी शिकायत वापस नहीं ली, तो उन्हें कोटवार के पद से हटा दिया जाएगा।

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील विशाल बघेल ने न्यायालय के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए कि सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से किसान लगातार नुकसान उठा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने क्यों लिया मामले में संज्ञान?

  • फ्लाई ऐश के खेतों में डाले जाने से मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
  • किसानों की आजीविका पर संकट उत्पन्न हो रहा है।
  • प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठे हैं।
  • अधिकारियों पर शिकायतकर्ता को धमकाने के आरोप हैं।
  • पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है।

झाबुआ पावर लिमिटेड की जिम्मेदारी तय करने की मांग

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में झाबुआ पावर लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराने की मांग की है और कहा है कि उनकी लापरवाही के कारण किसानों की जमीन बंजर होती जा रही है।

इसके अलावा, उन्होंने मांग की है कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।

क्या है फ्लाई ऐश और इसके प्रभाव?

फ्लाई ऐश एक प्रकार की राख होती है, जो कोयला जलाने से निकलती है। यह राख अगर खुले में डाली जाए, तो यह न केवल मिट्टी को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि जल स्रोतों और पर्यावरण को भी प्रदूषित करती है।

फ्लाई ऐश में भारी धातुएं और हानिकारक तत्व होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। यदि इसका उचित प्रबंधन न किया जाए, तो यह पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दे सकती है।

सिवनी जिला प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। यदि अधिकारियों ने समय पर उचित कार्रवाई की होती, तो शायद इस स्थिति तक बात नहीं पहुंचती। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे पर्यावरण संरक्षण और किसानों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं। इस प्रकार के मामलों में यदि लापरवाही बरती जाती है, तो इससे केवल पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचता है।

क्या हो सकता है अगला कदम?

  • हाईकोर्ट द्वारा जवाब मिलने के बाद अगली सुनवाई में प्रशासन की भूमिका तय की जाएगी।
  • यदि प्रशासन दोषी पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
  • झाबुआ पावर लिमिटेड को फ्लाई ऐश के निस्तारण के लिए बेहतर विकल्प अपनाने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
  • किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए आदेश जारी किए जा सकते हैं।

झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा फ्लाई ऐश को अवैध रूप से खेतों में डालने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने सिवनी कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाता है, या फिर किसानों को न्याय पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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