सिवनी में डेंगू से 1 मौत: अब तक डेंगू के 82 और मलेरिया के 88 मरीज; सतर्क और सुरक्षित रहने की आवश्यकता

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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Seoni Govt Hospital | सिवनी जिला चिकित्सालय

सिवनी: जिला मुख्यालय में डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से निपटने के लिए नगरपालिका और मलेरिया विभाग मिलकर महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। इस अभियान के तहत शहर के विभिन्न वार्डों में सफाई के साथ-साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है। इसके अलावा, मच्छरों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए फॉगिंग मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मच्छरों के संभावित प्रकोप को कम किया जा सके।

डेंगू की स्थिति: वर्तमान परिदृश्य

डेंगू की स्थिति जिले में गंभीर होती जा रही है, जिसके कारण स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। हाल ही में छपारा के एक किशोर की डेंगू से मौत हो गई, जिसने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। निखिल रघुवंशी नामक 14 वर्षीय किशोर, जो छपारा के भगत सिंह वार्ड का निवासी था, की कांवड़ यात्रा के बाद डेंगू से संक्रमित हो गया। बुखार आने के बाद उसे छपारा अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत बिगड़ती गई और उसे जबलपुर मेडिकल रेफर किया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

मलेरिया विभाग की तैयारी और योजनाएं

मलेरिया विभाग द्वारा अस्पतालों में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए विशेष वार्ड तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें 10 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। जिला मलेरिया अधिकारी ने स्थानीय निकायों को सफाई व्यवस्था को सख्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि मच्छरों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके। इसके साथ ही, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य मैदानी कर्मियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिससे मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान कर उन्हें नष्ट किया जा सके।

डेंगू के मच्छरों का जीवनचक्र और प्रकोप

डेंगू वायरस फैलाने वाले मच्छर अन्य मच्छरों से अलग होते हैं। यह मच्छर अपने अंडों के माध्यम से भी वायरस फैला सकता है, जिससे अगली पीढ़ी में भी वायरस का प्रसार होता है। यही कारण है कि डेंगू मच्छरों की रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है। डेंगू का मच्छर सीमित क्षेत्र में उड़ान भरता है, जिसके कारण प्रभावित क्षेत्रों में लार्वा विनष्टीकरण का कार्य तीव्रता से किया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय लोगों के सहयोग की कमी भी इस प्रयास में एक बड़ी चुनौती बन रही है।

नगरपालिका और मलेरिया विभाग के संयुक्त प्रयास

नगरपालिका और मलेरिया विभाग मिलकर डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए कई कदम उठा रहे हैं। शहर के आजाद वार्ड, शहीद वार्ड, गुरूनानक वार्ड, भगतसिंह वार्ड, और अशोक वार्ड में सफाई के बाद कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया है। इन वार्डों में फॉगिंग मशीनों के माध्यम से धुआं छोड़ा जा रहा है, जिससे मच्छरों की संख्या को कम किया जा सके। इसके अलावा, जलजमाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां पानी की निकासी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि मच्छरों के प्रजनन स्थलों को समाप्त किया जा सके।

फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव का प्रभाव

फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से मच्छरों की संख्या में कमी आ रही है। इन उपायों से डेंगू और मलेरिया के प्रकोप को कम करने में मदद मिल रही है। फॉगिंग का धुआं मच्छरों को नष्ट करने के लिए एक प्रभावी उपाय साबित हो रहा है। हालांकि, इन उपायों की सफलता के लिए जनसहयोग भी आवश्यक है, क्योंकि बिना लोगों के सहयोग के इन बीमारियों पर पूरी तरह से नियंत्रण पाना मुश्किल हो सकता है।

जनसहयोग की भूमिका

जनसहयोग इन प्रयासों की सफलता में अहम भूमिका निभाता है। लोगों को यह समझना होगा कि मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना और साफ-सफाई बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी भी है। जलजमाव वाले क्षेत्रों में पानी न जमा होने देने, कूलरों और पानी के टैंकों को नियमित रूप से साफ करने, और खुले में रखे बर्तनों में पानी न भरने देने जैसी सावधानियों को अपनाकर लोग इन बीमारियों के प्रसार को रोक सकते हैं।

समुदाय की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता

डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए समुदाय की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए नगरपालिका और मलेरिया विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। लोगों को मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि वे इन बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

डेंगू और मलेरिया के लक्षणों की पहचान

डेंगू और मलेरिया के लक्षणों की पहचान करना और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। डेंगू के लक्षण जैसे तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते आदि होते हैं। वहीं, मलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। अगर किसी व्यक्ति को इन लक्षणों का अनुभव हो, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवानी चाहिए।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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