Lok Sabha Election: एमपी में चार चरण में होंगे चुनाव, आदर्श आचरण आचार संहिता प्रभावशील

By SHUBHAM SHARMA

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इस समय मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव चार चरणों में होंगे। इसके साथ ही, प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल को होगा। दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 7 मई, और चौथे चरण के लिए मतदान प्रक्रिया 13 मई को सम्पन्न होगी। सभी चरणों की मतगणना के परिणाम 4 जून 2024 को घोषित किए जाएंगे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इसके साथ ही बताया कि पहले चरण में 6 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके बाद, अगले चरणों में भी अनुक्रमणिका अनुसार मतदान होगा।

इस चरण के लिए नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी और मतदान की प्रक्रिया की अंतिम तिथियां भी बताई गई हैं। नागरिक अभी भी मतदाता सूची में अपना नाम जोड़वा सकते हैं। इसके लिए उन्हें निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा।

चुनाव प्रक्रिया के साथ-साथ, आदर्श आचरण संहिता का पालन भी महत्वपूर्ण है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस बारे में भी ध्यान दिलाया है। प्रदेश में आदर्श आचार संहिता का पूरी तरह से प्रभावशील होने का निर्देश दिया गया है, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और विश्वसनीय हो सके।

इसके साथ ही, चुनावी विज्ञापनों और समाचारों की निगरानी के लिए राज्यस्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी की भी शुरुआत की गई है। यह कमेटी न्यूज चैनलों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों और समाचारों का पालन करेगी।

इसके अलावा, सी-विजिल एप के माध्यम से नागरिक आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकेंगे। इस एप के जरिए नागरिकों को आसानी से शिकायत प्रेषित करने का अवसर मिलेगा।

यह सभी उपाय चुनाव प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं, ताकि प्रदेश के नागरिकों को विश्वास के साथ लोकतंत्र में भाग लेने में सहायता मिले।

चुनावी प्रक्रिया के साथ-साथ, आयोग द्वारा मीडिया पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों और समाचारों का भी निगरानी रखा जा रहा है। इसके लिए जनसम्पर्क अधिकारियों की टीम 24 घंटे मीडिया को निगरानी करेगी। इसके अलावा, अनाधिकृत विरूपण हटाने के लिए सरकारी, सार्वजनिक और निजी संपत्ति पर कार्रवाई की जाएगी। नाकों पर अवैध शराब, नगद राशि और मादक पदार्थों के परिवहन पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है।

इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक एप भी लॉन्च की गई है, जिसका नाम “सी-विजिल” है। इस एप में नागरिक द्वारा 2 मिनट का वीडियो और फोटो अपलोड किया जा सकता है। नागरिक इस एप के माध्यम से चुनाव संबंधी उल्लंघनों की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक चरण की मतदान प्रक्रिया को निगरानी में रखा जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रक्रिया कानूनी और निष्पक्ष हो।

साथ ही, सी-विजिल एप के माध्यम से नागरिकों को भी सक्षम किया गया है कि वे चुनाव संबंधी किसी भी उल्लंघन की शिकायत कर सकें। यह एप नागरिकों को सीधे चुनाव आयोग से जुड़े रहने का माध्यम भी प्रदान करती है।

अधिकारियों ने बताया कि मतदान प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा और जरूरी सुरक्षा व्यवस्थाएं उठाई जाएंगी। इसके साथ ही, नागरिकों को भी चुनाव के दौरान सक्रिय भागीदार बनाया जाएगा और उन्हें वोट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

सीमा पार पर भारी जांच का भी आयोजन किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार के अनुचित गतिविधियों को रोका जा सके। साथ ही, चुनावी प्रक्रिया के दौरान COVID-19 के संक्रमण को रोकने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय भी अपनाए जाएंगे।

यह चुनाव निर्वाचन प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो लोकतंत्र के मूल धाराओं में से एक है। इसके माध्यम से लोगों को अपने अधिकार का उपयोग करने का मौका प्राप्त होता है और उन्हें देश के नेताओं का चयन करने का अधिकार प्राप्त होता है। इसलिए, इस प्रक्रिया को निष्पक्षता और संवेदनशीलता के साथ संचालित किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

साथ ही, चुनावी प्रक्रिया के दौरान सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों को समर्थन और स्थानीय समुदायों के भागीदारी को भी महत्व दिया जाएगा। इससे समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन प्राप्त होता है और लोकतंत्र की स्थापना में सकारात्मक प्रभाव होता है।

इस समय, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा, स्वास्थ्य और निर्वाचन संबंधी नियमों का पालन किया जा रहा है। इससे नागरिकों को विश्वास और सुरक्षा का महसूस होता है और वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।

इस प्रकार, चुनावी प्रक्रिया का संचालन और उसकी निगरानी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो समाज में विश्वास और न्याय की भावना को बढ़ाती है। इसे संवेदनशीलता, स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ संचालित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को अपने अधिकारों का उपयोग करने में कोई अड़चन न हो।

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