Bhopal News: मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल (Bhopal) शहर के एमपीनगर (MP Nagar) क्षेत्र में झाड़फूंक के बहाने एक महिला से दुष्कर्म किए जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
आयोग द्वारा मंगलवार दी गई जानकारी के अनुसार शहर के एमपी नगर थानाक्षेत्र में झाड़-फूंक से इलाज करने के बहाने महिला के साथ ज्यादती करने का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक मंडीदीप की रहने वाली एक महिला वर्ष 2015 में अपने पति व सास को लेकर एमपी नगर में आरोपी दिलीप बुंदेला के पास झाड़-फूंक कराने पहुंची थी।
आरोपी महिला को झाड़-फूंक करने के बहाने एक कमरे में ले गया और महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। उसने महिला को धमकी दी थी कि वह दुष्कर्म की बात किसी को नहीं बतायेगी।
पिछले आठ साल में आरोपी महिला के साथ कई बार दुष्कर्म कर चुका है। महिला ने हिम्मत कर अपने पति के साथ थाना एमपी नगर में ज्यादती का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
शिवपुरी में झोलाछाप डाक्टर ने ली युवक की जान
शिवपुरी जिले के तेंदुआ थानाक्षेत्र के लेवा गांव निवासी रामजीत चिढ़ार की एक झोलाछाप डाक्टर केसरी धाकड़ की लापरवाही ने जान ले ली। बीते शनिवार को मृतक केसरी धाकड़ के क्लीनिक पर खांसी-जुकाम का उपचार कराने पहुंचे, तो डाक्टर ने एक इंजेक्शन लगा दिया।
इंजेक्शन लगने के बाद रामजीत चिढ़ार वहीं पर अचेत होकर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। इसकी सूचना जैसे ही मृतक के बेटों को लगी, तो वह अपनी कांवड रोककर घर आये। तेंदुआ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, एसपी तथा सीएमएचओ, शिवपुरी से जिले में अनाधिकृत चिकित्सकों एवं अयोग्य व्यक्तियों द्वारा चलाये जा रहे क्लीनिकों एवं उनके द्वारा किये जा रहे इलाज पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में कार्यवाही कर एक माह में जवाब मांगा है।
रतलाम जिले में बेटे से पीड़ित बुजुर्ग दम्पत्ति का कलेक्ट्रेट में धरना
रतलाम जिले के मावता गांव निवासी पन्नालाल प्रजापति एवं उनकी पत्नी शांतिबाई कलेक्टर आफिस पहुंचे और परिसर में धरना पर बैठकर अपने ही बेटे के आतंक से निजात दिलाने को लेकर प्रशासन के अधिकारियों से मांग की।
कलेकटर आफिस में नहीं होने की वजह से दो घंटे तक आफिस की सीढ़ियों पर ही बैठे रहे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली। जानकारी मिलने पर पुलिस ने बुजुर्ग दंपत्ति से उनकी समस्या पूछी और तहसीलदार को अवगत कराया।
बुजुर्ग दम्पत्ति ने तहसीलदार को बताया कि उनके पुत्र शिवनारायण ने उन्हें मारपीट कर घर और जमीन से बेदखल कर दिया है। पुलिस थाने से लेकर शासकीय कार्यालयों में न्याय की गुहार लगाई, पर न्याय नहीं मिला। इसके बाद तहसीलदार ने पुलिस को कार्यवाही करने के लिये कहा। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, रतलाम से एक माह में जवाब मांगा है।