सिवनी: लबालब हुआ भीमगढ़ डेम, खोले गए 3 गेट; 20 हजार घन फीट प्रति सेकेंड…

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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Seoni News: भीमगढ़ डेम के गेट क्रमांक 4, 5, 6 एवं 7 आज शुक्रवार, 06 सितंबर को रात 8 बजे खोले गए। इसके परिणामस्वरूप वैनगंगा नदी में 20 हजार घन फीट प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा है। यह निर्णय लगातार हो रहे जलावक के कारण लिया गया है।

यह खबर कार्यपालन यंत्री तिलवारा बायीं तट नहर संभाग केवलारी द्वारा दी गई है। जल प्रबंधन की यह योजना किसी आपदा से बचाव और पानी की मात्रा को संतुलित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।

भीमगढ़ डेम और वैनगंगा नदी: एक परिचय

भीमगढ़ डेम भारत के महत्वपूर्ण जलाशयों में से एक है, जो मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित है। वैनगंगा नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है, और डेम का पानी इसी नदी में छोड़ा जाता है। वैनगंगा नदी के निचले क्षेत्रों में कई गांव और बस्तियाँ स्थित हैं, जहां इस नदी का जल प्रवाह बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जल के इस प्रवाह के दौरान, निचले क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन विशेष सावधानियां बरतने का निर्देश देता है।

भीमगढ़ डेम के गेट खोलने से संभावित खतरे

जब डेम के गेट खोले जाते हैं, तो निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा अधिक हो जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से उन क्षेत्रों में होती है जो डेम से सीधे जुड़े होते हैं। कलेक्टर संस्कृति जैन ने इन क्षेत्रों के निवासियों से सतर्क रहने की अपील की है, ताकि किसी भी अनहोनी घटना से बचा जा सके। डेम से छोड़े गए पानी की तीव्रता और मात्रा के कारण बाढ़ के हालात तेजी से उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है।

निचले क्षेत्रों के लिए सुरक्षा दिशानिर्देश

वैनगंगा नदी के निचले क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। प्रशासन ने निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  • जल स्तर पर नज़र रखें: प्रशासन द्वारा जल स्तर की जानकारी को लगातार साझा किया जा रहा है। इसे नियमित रूप से देखते रहें।
  • सुरक्षित स्थान पर जाएं: जिन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा अधिक है, वहां से तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित हो जाएं।
  • इमरजेंसी नंबर का प्रयोग करें: किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी किए गए इमरजेंसी नंबरों पर संपर्क करें।
  • जल प्रबंधन के निर्देशों का पालन करें: सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल की तैयारी

प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में जल छोड़े जाने के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए बचाव दलों को तैनात किया है। इन दलों में स्थानीय पुलिस, होम गार्ड्स और बचाव एजेंसियाँ शामिल हैं। उनका उद्देश्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित मदद प्रदान करना है।

जल प्रवाह का पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभाव

भीमगढ़ डेम से वैनगंगा नदी में छोड़े जाने वाले पानी का पर्यावरण और आर्थिक दोनों ही दृष्टिकोण से व्यापक प्रभाव होता है।

  • पर्यावरणीय प्रभाव: तेज जल प्रवाह के कारण नदी के किनारे की जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जल में अचानक आई वृद्धि से नदी में रहने वाले जीव-जंतु प्रभावित होते हैं।
  • आर्थिक प्रभाव: खेतों में जल भराव और बाढ़ के कारण स्थानीय कृषि पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। फसलों को बर्बाद होने का खतरा होता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।

आपदा प्रबंधन के लिए प्रशासन की भूमिका

स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिए आपदा प्रबंधन की योजनाएँ पहले से ही तैयार कर रखी हैं। इन योजनाओं में लोगों को समय रहते सतर्क करना, सुरक्षित स्थानों की व्यवस्था करना और जरूरी संसाधनों को पहले से उपलब्ध कराना शामिल है। इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने विभिन्न संगठनों और एजेंसियों के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन प्लान तैयार किया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

भीमगढ़ डेम: एक ऐतिहासिक और तकनीकी दृष्टिकोण

भीमगढ़ डेम की स्थापना से लेकर अब तक, इसने क्षेत्र की जल आपूर्ति और कृषि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह डेम न केवल जल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन है, बल्कि यह ऊर्जा उत्पादन में भी सहायक रहा है। तकनीकी दृष्टिकोण से, डेम के गेटों का प्रबंधन बेहद सावधानीपूर्वक किया जाता है, ताकि जल प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके और आसपास के क्षेत्रों को सुरक्षित रखा जा सके।

सतर्कता और सामुदायिक भागीदारी का महत्व

स्थानीय समुदायों को बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करना होगा। सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और सतर्कता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लोगों को जलप्रवाह से जुड़ी किसी भी सूचना को गंभीरता से लेना चाहिए और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा, समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर आपदा प्रबंधन में सहयोग देना चाहिए, ताकि जनहानि और संपत्ति का नुकसान कम से कम हो।

भीमगढ़ डेम के गेट खोलने की सूचना एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसका प्रभाव वैनगंगा नदी के निचले क्षेत्रों पर पड़ता है। प्रशासन द्वारा जारी किए गए सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए नागरिकों को सतर्क और सुरक्षित रहना आवश्यक है। जल प्रवाह के कारण उत्पन्न होने वाली आपदा की स्थिति में प्रशासन और बचाव दल तत्पर हैं, लेकिन नागरिकों की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है। समय रहते उठाए गए कदम ही आपदा से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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