सिवनी, बरघाट: भूमाफियों की जमीन खरीद-फरोख्त के चलते जरूरतमंद लोगों को अब जमीन खरीदना मुश्किल हो गया है। चूंकि कुकुरमुत्ते की तरह फैले भूमाफियाओं ने प्लाट तो दूर, खेतिहर जमीन को भी प्लाट के रूप में विक्रय करने के उद्देश्य से खेतिहर जमीन के भाव भी आसमान पर पहुंचा दिए हैं।
यही कारण है कि धारनाकला में और आसपास के इलाके में भूमाफिया 20 से 25 लाख रुपये एकड़ के भाव में तक खेतिहर जमीन खरीद कर उसे आवासीय प्लाट का रूप देकर आम लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करते नजर आ रहे हैं।
यही कारण है कि आज जरूरतमंद बेरोजगार युवक रोजगार के उद्देश्य से धारनाकला में 3000 से 4000 रुपये वर्गफुट की जमीन खरीदने को मजबूर हैं और जहां तक बात करें राजस्व चोरी तथा पंजीयन शुल्क की तो आज भी शासकीय आंकड़ों में यह दर इतनी कम है कि राजस्व की चोरी लाखों में हो रही है, जिस ओर प्रशासन का ध्यान देना नितांत जरूरी है।
नियमों को ताक पर रखकर कटीं ये कॉलोनियां
वैसे तो कॉलोनी काटने से पहले बहुत से मापदंडों को पूरा करना जरूरी होता है एवं किसी भी कृषि भूमि पर प्लाटिंग कर कॉलोनी बनाने से पहले कॉलोनाइजर का रेरा यानि रियल एस्टेट अथॉरिटी के तहत रजिस्ट्रेशन होना जरूरी होता है।
साथ ही कॉलोनी काटने से पूर्व 15 प्रतिशत जमीन शासन को देनी होती है, और कॉलोनी काटने से पूर्व पक्की सड़क का निर्माण, बिजली-पानी की व्यवस्था के साथ पानी निकासी जैसे अन्य पहलू भी हैं जिनका पालन नियमों को ताक पर रखकर नहीं किया जा रहा है।
किन्तु नियमों के बने होने के बाद भी ऐसे कॉलोनाइजर तथा भूमाफियों पर प्रशासनिक तौर पर आज तक शिकंजा नहीं कसा गया है।
यही कारण है कि रोड से लगी निजी भूमि की आड़ में शासकीय जमीन बिक्री के दायरे में आती हुई नजर आ रही है, जिसका सबसे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि जनपद की शासकीय जमीन भी निजी तौर पर गलत तरीके से संशोधित होकर बिक्री हो जाती है और निजी जमीन की आड़ में करोड़ों रुपये मूल्य की शासकीय जमीन पर अवैध कब्जे भी स्थापित हो जाते हैं।
भूमाफियों पर शिकंजा जरूरी
यह भी उल्लेखनीय है कि अगर प्रशासनिक तौर पर भूमाफियों पर नकेल नहीं कसी गई तो आने वाले समय में यह आम आदमी तथा जरूरतमंद लोगों के लिए नासूर साबित हो सकते हैं, जो आए दिन लाभ कमाने की गरज से जमीन के भाव आसमान पर पहुंचाते हुए राजस्व की चोरी तो कर ही रहे हैं, साथ ही दर्जनों जमीन के मालिक बनकर शासन की आंखों में धूल झोंकने का काम भी कर रहे हैं।
वैसे तो धारनाकला में अनेक भूमाफिया तथा कॉलोनाइजर हैं जो नियम विरुद्ध तरीके से कार्य कर रहे हैं, किन्तु चंद वर्षों में ही एक भूमाफिया ऐसा भी सामने आया है जो आज दर्जनों से ज्यादा प्लाट और खेतिहर जमीन के खसरा नंबर का मालिक तो बन बैठा है।
वहीं, राजस्व चोरी के साथ-साथ खेतिहर जमीन के भाव भी आसमान पर पहुंचाकर किसानों के लिए मुसीबत बन रहा है, जिसकी समस्त जानकारी भी एकत्र कर प्रशासन को सौंपी जाने की तैयारी की जा रही है ताकि प्रशासन द्वारा ऐसे भूमाफियों पर नकेल कसी जा सके।
वहीं दूसरी तरफ एसडीएम न्यायालय में भी धारा 115 के तहत आवेदन किया जा चुका है, जो कि जिला कलेक्टर की अनुमति के लिए एसडीएम न्यायालय से पत्र जारी होने की बात सामने आई है।