नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कांग्रेस नेता जयराम रमेश बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर भिड़ गए। रमेश संसद के शीतकालीन अधिवेशन रद किए जाने को लेकर हमलावर थे, तो पुरी ने कहा-वह फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते लिया गया था। रमेश ने कहा, यह फैसला विपक्ष से चर्चा के बगैर लिया गया। ट्विटर पर पहले रमेश ने सरकार के इस दावे पर आपत्ति जताई कि विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा करने के बाद संसद का शीतकालीन सत्र आहूत नहीं किया गया।
मसला संसद सत्र और नई संसद का था
मंगलवार को दिन में रमेश ने ट्वीट किया- 15 दिसंबर को राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उन्हें बताया कि संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से उनकी बात नहीं हुई है। चार मिनट बाद आजाद ने फिर बताया कि सरकार ने उनसे संसद सत्र को लेकर कोई बात नहीं हुई है। इसलिए जोशी इस तरह का निम्न स्तरीय खेल न खेलें। रमेश ने कोविड-19 महामारी के चलते संसद सत्र को आहूत न करने के फैसले पर यह बात कही।
रमेश ने शहरी विकास मंत्री पुरी पर नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में अक्टूबर 2019 में संकल्प लिए जाने के बयान पर आपत्ति जताई। कहा, पुरी पूरी तरह से असत्य बोल रहे हैं। राज्यसभा में कोई संकल्प नहीं आया था। उल्लेखनीय है कि रमेश कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में मुख्य सचेतक हैं। जवाब में पुरी ने ट्वीट किया- यह किसी सदन का संकल्प नहीं था। बल्कि सरकार का संकल्प था।