नई दिल्ली। नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक बड़ी सफलता मिली है। स्पेशल सेल के जवानों की मुस्तैदी ने दुर्गापूजा के पहले दिल्ली को दहलाने की साजिश नाकाम कर दिया है। स्पेशल सेल ने चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकी गजावत उल हिंद से ताल्लुक रख रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार हाल में ही अलकायदा ने इस संगठन को बनाया है। ये सभी आतंकी 29 सितंबर को दिल्ली आए थे। यहां आकर उन्होंने हथियार और कारतूस जुटाया। इनकी योजना के खुलासे के बाद से दिल्ली पुलिस सहित कई सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये देश की राजधानी में आतंकी हमले की फिराक में थे। चारों के पास से चार पिस्टल, 120 कारतूस बरामद किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंसार गजवत उल हिंद आतंकी संगठन के चार संदिग्ध आतंकियों को आइटीओ रिंग रोड से गिरफ्तार किया है। यह अलकायदा का नया संगठन है। चारों जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। इनकी योजना दिल्ली में आतंकी हमले को अंजाम देने की थी। हमले के लिए इन्होंने दिल्ली में हथियार व कारतूस जुटा लिए थे, लेकिन त्योहार से पूर्व सक्रिए स्पेशल सेल की टीम ने पुराना पुलिस मुख्यालय से कुछ दूरी पर चारों को दबोच आतंकी हमले की इनकी बड़ी योजना को विफल कर दिया। चारों को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है
चारों जम्मू के रहने वाले
डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों के नाम अल्ताफ अहमद डार (25, पुलवामा), इश्फाक मजीद कोका (28, शोपियां, अनंतनाग) , मुश्ताक अहमद गनी (27, शोपियां, जम्मू-कश्मीर) व अकीब सफी (22, शोपियां, जम्मू-कश्मीर) है। इनके पास से प्वाइंट 32 बोर की तीन पिस्टल, 9 एमएम की एक पिस्टल, 120 कारतूस, पांच मोबाइल फोन व जम्मू कश्मीर नंबर की बलेनो कार मिली है।
बुरहान कोका की मौत के बाद इश्फाक मजीद को मिली हमले की जिम्मेवारी
अंसार गजवत उल हिंद प्रमुख बुरहान कोका दो अन्य साथियों के साथ इसी साल 29 अप्रैल को शोपियां के मेलहोरा में सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। उसके बाद बुरहान कोका के बड़े भाई इश्फाक मजीद कोका को अंसार गजवत उल हिंद के कैडरों द्वारा संगठन के लिए आतंकी हमले करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। संगठन के आतंकियों ने इश्फाक से एक एप के जरिए बात की ताकि सुरक्षा एजेंसियों को उसके ऑपरेशन के बारे में भनक न लग सके
दिल्ली में छिप कर रह रहा था चारों का ग्रुप
2 अक्टूबर को सेल को सूचना मिली कि प्रतिबंधित संगठन के कुछ कट्टरपंथी कश्मीरी युवाओं का समूह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में आकर छिपकर रह रहा है। उन्होंने हथियार व कारतूस जुटा लिया है। उनकी योजना दिल्ली दहलाने की है। वे आतंकी वारदात की रेकी करने आइटीओ व दरियागंज आने वाले हैं। एसीपी ललित मोहन नेगी, ह्दय भूषण, इंस्पेक्टर सुनील कुमार राजन, रविंद्र जोशी व विनय पाल के नेतृत्व में सेल की टीम ने रिंग रोड से बलेनो कार में सवार चारों संदिग्ध आतंकियों को दबोच लिया।
तलाशी में मिले चार पिस्टल और कारतूस
तलाशी लेने पर चारों के पास से चार पिस्टल व भारी मात्रा में कारतूस मिले। पूछताछ से पता चला कि अंसार गजवत उल हिंद के वर्तमान में प्रमुख ने इश्फाक मजीद कोका को अपने संगठन से जोड़ा। जेहादी होने के कारण वह तुरंत आतंकी वारदात के लिए तैयार हो गया था। खुद संगठन से जुड़ने के बाद उसने अल्ताफ अहमद डार को संगठन से जोड़ा, जो उसकी दुकान में सेल्समैन का काम करता था। उसने अपने चचेरे भाई अकीब सफी को भी संगठन से जोड़ा जो जम्मू से कंप्यूटर साइंस में बीई कर रहा है। अल्ताफ अहमद डार ने मुश्ताक अहमद गनी को संगठन से जोड़ने का काम किया। वह श्रीनगर में टैक्सी चलाता है। उल हिंद के आकाओं के निर्देश पर चारों 27 सितंबर को दिल्ली आए थे।
पहाड़गंज में रुके थे चारों आतंकी
यहां इन्होंने पहाड़गंज के एक होटल में अपना ठिकाना बनाया हुआ था। संगठन के हैंडलर ने इश्फाक मजीद कोका के खाते में तीन लाख रुपये डाल दिए जिससे उसने स्थानीय कुछ लोगों की मदद से हथियार व कारतूस खरीद लिया था। इनकी योजना दिल्ली में आतंकी हमले की थी। मकसद में कामयाब होने पर अलकायदा इन्हें जम्मू कश्मीर में अंसार गजवत उल हिंद में औपचारिक रूप से शामिल करता।