कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच अमित शाह से मिले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर

By Khabar Satta

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। पिछले 17 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। जानकारी के अनुसार किसान दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करने के लिए दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार किसान राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर के पास शाहजहांपुर में इकट्ठा हुए हैं। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।

किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात करके और जगह-जगह मल्टी लेयर्ड बैरिकेड्स लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। शनिवार को किसान नेताओं ने 14 दिसंबर (सोमवार) को भूख हड़ताल करने का भी एलान किया। सरकार की कोशिश है कि बातचीत के माध्यम से गतिरोध को खत्म किया जाए, लेकिन किसान संगठन  कृषि कानूनों के वापसी की मांग पर अड़े हैं। किसान नेताओं और सरकार में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इनमें से एक का भी नतीजा नहीं निकला है।

LIVE Farmers Protest Updates

>> किसानों के प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।

>> किसानों द्वारा सोमवार को भूख हड़ताल की आह्वान के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (AAP) ने फैसला किया है कि सभी पार्टी कार्यकर्ता कृषि कानूनों के विरोध में उपवास करेंगे। आईटीओ में पार्टी मुख्यालय में विधायक और पार्षद सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक उपवास रखेंगे।  गोपाल राय ने दी जानकारी।

>> केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि दो कदम अगर किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी और इसका हल निकालें। वरना, इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं। हम किसानों और उनके प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं और मुझे लगता है कि जल्द ही अगली बैठक होगी।

>> दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर पंजाब के कांग्रेस सांसदों द्वारा जंतर-मंतर पर आयोजित धरने में शामिल हुए। उन्होंने ‘मेरे दोस्त यहां केंद्र से किसान यूनियनों के साथ मामला निपटाने के लिए कह रहे हैं और शीतकालीन सत्र भी आयोजित करने की मांग कर रहे हैं, जो कि नवंबर के तीसरे सप्ताह से आयोजित किया जाना चाहिए था।

>> पंजाब के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने नए कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जाखड़ ने कहा कि उन्होंने शनिवार को राज्य सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

>> भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP),तीन कानून और किसान के जितने भी मुद्दे हैं उन पर सरकार बातचीत करे और इनका समाधान करे। जब तक ये(कानून) वापस नहीं होते किसान यहां से नहीं जाएगा।

>> केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (MoS) अनुराग ठाकुर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नए कृषि कानूनों को लाई है और वर्तमान सरकार ने यूपीए सरकार से दोगुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान किया है। 2009-2014 के दौरान, यूपीए सरकार ने 3,75,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि एनडीए सरकार ने 8,00,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

>> राजस्थान: किसान जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर) के पास शाहजहांपुर में एकत्रित हुए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह हमारा यहां 12 वां दिन है। हम और अधिक किसान यूनियनों के पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि हम बड़ी संख्या में दिल्ली जा सकें। हमारी अंतिम मांग कृषि कानूनों को निरस्त करना है।

>> दिल्ली: सिंघु (दिल्ली-हरियाणा सीमा) बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 18 वां दिन है। समचार एजेंसी एएनआइ से एक प्रदर्शनकारी ने कहा है, ‘मैं कल रात यहां पहुंचा था। राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से और किसान आ रहे हैं। 16 दिसंबर को 500 और ट्रालियां यहां पहुंचेंगी।

रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की घोषण

सरकार ने किसान समूहों को उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए उसके प्रस्तावों पर विचार करने के लिए कहा था। साथ कहा था कि जब भी यूनियन जब चाहें तब वह प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार है। किसान नेताओं ने गुरुवार को घोषणा की थी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे देश भर में रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करेंगे।

ट्रैक्टरों से दिल्ली चलो मार्च

इसके बाद शनिवार को, किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले तीन नए कृषि कानूनों की वापसी पर चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनकी यूनियनों के प्रतिनिधि 14 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि हजारों किसान रविवार को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के माध्यम से राजस्थान के शाहजहांपुर से अपने ट्रैक्टरों के साथ ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी माताएं, बहनें और बेटियां भी जल्द ही उनके साथ आएंगी और विरोध स्थलों पर उनके ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।

बॉर्डर पर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के मद्देनज बॉर्डर के आस-पास सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इनमें बहुस्तरीय बैरिकेड और अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती शामिल है। यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए भी उपाय किए गए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को कठिनाइयों का सामना न करने पड़े इस के लिए महत्वपूर्ण सीमा बिंदुओं पर अपने कर्मियों को तैनात किया है और अपने ट्विटर हैंडल पर खुले और बंद मार्गों के बारे में लोगों को लगातार अपडेट दिया जा रहा है।

चिल्ला बॉर्डर शनिवार देर रात पूरी तरह से खुला

किसानों के विरोध के कारण 1 दिसंबर से बाधित नोएडा-दिल्ली का चिल्ला बॉर्डर शनिवार देर रात पूरी तरह से खोल दिया गया। कुछ किसानों द्वारा प्रदर्शन पर बैठने के कारण नोएडा-दिल्ली लिंक रोड को बंद हो गया था। एक प्रदर्शनकारी किसान ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि हमारे नेता ने आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। हमें आश्वासन दिया गया है कि हमारी मांगें पूरी होंगी। इसलिए हमने सड़क खोली है।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Leave a Comment