नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद-बादल) में ही बगावत की सुगबुगाहट है। चर्चा है कि उसके दो पार्षद भाजपा का दामन थाम सकते हैं। यह चर्चा इसलिए भी तेज हो गईं है, क्योंकि सोमवार को शिअद-बादल के दिल्ली इकाई की कोर कमेटी की बैठक में राजेंद्र नगर से पार्षद परमजीत सिंह राणा नहीं पहुंचे, जबकि वह कोर कमेटी के सदस्य हैं। वहीं, जीटीबी नगर से पार्षद राजा इकबाल सिंह के भी भाजपा में जाने की चर्चा तेज है।
शिअद-बादल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका ने कोर कमेटी की बैठक के बाद स्पष्ट किया है कि राजग से अलग होने के बाद मौजूदा स्थिति में अकाली कोटे से पार्षदों को निगम में भाजपा गठबंधन में मिली जिम्मेदारियों से मुक्त होना होगा। इसके साथ ही उनकी पत्नी मनप्रीत कौर ने दक्षिणी निगम की तहबाजारी और लाइसेंसिंग समिति के डिप्टी चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। वह कालकाजी से पार्षद हैं
कालका ने कहा कि जो भी पद नगर निगम में भाजपा के साथ संयुक्त गठबंधन में मिले हैं उन सभी से पार्टी पदाधिकारियों को इस्तीफा देने को कहा गया है। हालांकि, सभी पार्षद बने रहेंगे, क्योंकि उन्हें जनता ने चुना है, लेकिन निगमों की समितियों में चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन पद से इस्तीफा देना होगा।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में अकाली कोटे से पांच पार्षद हैं जिनमें तीन पार्षद निगम की अहम समितियों के जिम्मेदारी पर हैं। मनप्रीत कौर के इस्तीफे के बाद अब सबकी नजर परमजीत सिंह राणा और राजा इकबाल सिंह पर हैं। दोनों के ही भाजपा में जाने की चर्चा तेज हैं। राजेंद्र नगर से पार्षद परमजीत सिंह राणा इस समय उत्तरी निगम विशेष विधि समान्य प्रायोजन समिति के चेयरमैन हैं तो वहीं जीटीबी नगर से पार्षद राजा इकबाल सिंह सिविल लाइंस जोन के चेयरमैन हैं।
निगम में यह पद काफी महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में उनके पद से इस्तीफा न देने और भाजपा में शामिल होने को लेकर कयासबाजी चल रही है। इस पर परमजीत सिंह राणा और राजा इकबाल सिंह से पक्ष लेने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।