Friday, April 19, 2024
HomeदेशJ&K: पहली बार 'स्वतंत्रता दिवस' देखेगा LoC का आखिरी गांव केरन

J&K: पहली बार ‘स्वतंत्रता दिवस’ देखेगा LoC का आखिरी गांव केरन

नई दिल्ली- देश का अंतिम गांव केरन आने वाले 15 अगस्त को पहली बार आजादी का जश्न देखने की तैयारी कर रहा है। यानि देश को आजाद हुए 73 साल बीत गए, लेकिन नियंत्रण रेखा पर मौजूद इस गांव के लोगों को देश के आजादी के पर्व के गवाह बनने का मौका नहीं मिला।

शायद यह मौका इसबार भी नहीं मिल पाता, यदि पिछले साल यहां पर संवैधानिक और प्रशासनिक व्यवस्थाएं नहीं बदली होती। सात दशकों में न तो इस गांव में बिजली पहुंची थी और न ही हर मौसम चलने लायक सड़क ही पहुंच पाई थी। अब 24 घंटे बिजली भी है और बीआरओ हर मौसम में इस्तेमाल लायक पक्की सड़क भी बनवा रहा है।

पहली बार ‘स्वतंत्रता दिवस’ देखेगा केरन गांव जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर देश के सबसे अंतिम गांव केरन के लोगों को पहली बार लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह देखने और उसकी प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण का सीधा प्रसारण देखने का मौका मिलने जा रहा है। कुपवाड़ा जिले का यह गांव नियंत्रण रेखा पर है, जिसके उस पार पाकिस्तान है।

12,000 परिवारों वाले इस गांव ने आजादी के 73 वर्षों में भी बिजली की सूरत नहीं देखी थी। लेकिन, 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुबह में इस गांव में बिजली भी होगी और यहां के लोग 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण भी लाइव देख सकेंगे। क्योंकि, आजादी के बाद पहली बार इस गांव में बिजली पहुंची है। इससे पहले गांव के लोग डीजल जेनरेटर सेट पर निर्भर थे, जिससे सिर्फ शाम के 6 बजे से लेकर 9 बजे तक ही लाइट रहती थी। लेकिन, बिजली आने के चलते आज इस गांव में 24 घंटे बिजली रहने लगी है।

बीते एक साल में बदल गई इलाके की सूरत आज की तारीख में केरन गांव में बिजली ग्रिड पहुंच चुकी है, जिससे 24 घंटे बिजली तो मिलती ही है, यहां की खूबसूरत वादियों में रहने वाले लोगों को शाम के वक्त में जेनरेटर की आवाज और प्रदूषण से भी छुटकारा मिल गया है। कुपवाड़ा के कलेक्टर का कहना है कि पिछले एक साल में सीमावर्ती इलाकों में इलेक्ट्रिफिकेशन का काम मिशन मोड में किया गया है और अब हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है। सिर्फ बिजली ही नहीं, अब यहां की सड़कें भी बेहतर हो गई हैं। किशन गंगा नदी किनारे बसा यह गांव जाड़े के दिनों में अत्यधिक ठंड की वजह से करीब 6 महीनों तक बाकी देश से पूरी तरह कटा रहता है। एक अधिकारी ने बताया कि इस साल बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को सर्दी की शुरुआत से पहले ही पक्की सड़क बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

विकास के कई प्रोजेक्ट पूरे हुए गौरतलब है कि कुपवाड़ा जिले में पाकिस्तान के साथ लगी 170 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल है, जो पाकिस्तानी घुसपैठियों की घुसपैठ के लिए भी कुख्यात रहा है। गृहमंत्रालय के मुताबिक सिर्फ सीमावर्ती जिले ही नहीं, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हर जगह पिछले एक साल में विकास के बहुत सारे काम हुए हैं। सरकार का कहना है कि जम्मू-कश्मीर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन के जो प्रोजेक्ट दशकों से पड़े थे, उन्हें भी जिंदा किया जा रहा है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस संघ शासित प्रदेश के लिए 5,979 करोड़ रुपये के 2,273 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 506 पूरे हो चुके हैं और 963 अगले साल मार्च तक पूरे कर लिए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की ग्रामीण विकास सचिव शीतल नंदा के मुताबिक केंद्र ने 1,400 करोड़ रुपये जारी किए हैं, क्योंकि 14वें वित्त आयोग के ग्रांट तीन साल से ज्यादा वर्षों से रोक दिए गए थे

बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कई इमारतें बर्बाद की गई थी जम्मू-कश्मीर के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक इस इलाके के 5 विधानसभा क्षेत्र और 356 पंचायतों में में हमेशा सबसे ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई है। शीतल नंदा ने बताया कि केंद्र सरकार ने मिड डे मील के लिए 65 करोड़ रुपये अलग से जारी किए हैं। कोई विवाद न हो इसके लिए ग्राम प्रधान या सरपंचों और स्कूल के प्रमुखों के नाम पर ज्वाइंट एकाउंट खोले गए हैं। यही नहीं गृह मंत्रालय के अनुसार मनरेगा के लिए भी केंद्र ने 1,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं और सरपंचों ने उसका भुगतान करना भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा 100 नए पंचायत भवनों और 100 के मरम्मत की भी मंजूरी दी गई है। इनमें से कई भवन आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के विरोध में भड़की हिंसा में तबाह कर दिए गए थे।

SHUBHAM SHARMA
SHUBHAM SHARMAhttps://shubham.khabarsatta.com
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
RELATED ARTICLES

Latest News