कोलकाता: बंगाल में एक उच्च पुलिस अधिकारी ने पिछले सप्ताह एक रैली में लगाये ” गोली मरो … (देशद्रोहियों को गोली मारो “) के नारे लगाने के लिए तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
जिसके बाद चंद्रनगर के पुलिस अफसर हुमायूं कबीर (Police Commissioner Humayun Kabir) ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है । बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में मचे घमासान के बीच यह मामला सामने आया है.
दिसंबर में कबीर को पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रैंक पर पदोन्नत किया गया था तथा वर्तमान में कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अधिष्ठान) गौरव शर्मा को हुगली जिले के शहर चंदननगर का नया आयुक्त नियुक्त किया गया है। शर्मा एक फरवरी को नया पद संभालेंगे।
21 जनवरी को,एक रैली में “गोली मारो” नारे लगाने वाले तीन भाजपा समर्थकों को हिंसा भड़काने के प्रयास के लिए रात के समय में गिरफ्तार किया गया था। चंदननगर में एक स्थानीय भाजपा नेता सुरेश शॉ और दो अन्य लोगों को पुलिस द्वारा उठाया गया था, जब उन्होंने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी और हुगली के सांसद सुमित चटर्जी द्वारा एक रोडशो में भाग लेने के दौरान नारेबाजी की थी।
एक बार ममता बनर्जी के सबसे करीबी सहयोगी सुवेंदु अधिकारी ने पिछले महीने अपनी पार्टी छोड़ दी और तृणमूल कांग्रेस से बाहर निकलकर भाजपा में शामिल हो गए। जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि गिरफ्तारी पूरी तरह से पुलिस का मामला है और पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है ।
जिसके बाद इन गिरफ्तारियों पर सवाल उठाए क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो तृणमूल कांग्रेस की समर्थक है , जिन्होंने एक दिन पहले कोलकाता की सड़कों पर उसी नारे का एक नया संस्करण पेश किया था, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।
तृणमूल सरकार ने यह मुद्दा चुनाव आयोग के समक्ष भी उठाया था. वहीं बीजेपी ने भी इस मामले में पक्षपात की शिकायत की थी.
बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष (BJP’s Dilip Ghosh) ने कहा, “मैंने चुनाव आयोग से कहा कि पुलिस पक्षपात देखती है। टीएमसी द्वारा कोलकाता में एक ही नारा और कोई कार्रवाई नहीं है, लेकिन जब यह चंद्रनगर में होता है, तो इसे बोलने वाले युवाओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किआ गया है। “