दबंग ठेकेदार, एल्गिन में स्टैंड का ठेका लेने कोई और नहीं तैयार

Khabar Satta
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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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जबलपुर। प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी शिशु एवं मातृत्व कल्याण इकाई का दर्जा प्राप्त एल्गिन अस्पताल के वाहन स्टैंड में अराजकता का माहौल है। करीब चार साल से एक ही ठेकेदार यहां कब्जा जमाए बैठा है। अस्पताल प्रशासन द्वारा वाहन स्टैंड के लिए निविदा जारी करने के बावजूद नए ठेकेदार गुंडागर्दी के डर से ठेका प्रक्रिया में शामिल होने से कतराते हैं। स्टैंड में महिलाओं के साथ अभद्रता तथा उनके साथ पहुंचने वाले स्वजन से गुंडागर्दी आम बात हो गई है। विगत दिवस अस्पताल परिसर में एक महिला के साथ अभद्रता के कारण स्टैंड के कर्मचारियों से मारपीट हो गई थी जिसमें सिविल लाइन पुलिस को एफआइआर दर्ज करनी पड़ी। हैरानी की बात यह है कि जिस ठेकेदार को वाहन स्टैंड का ठेका दिया गया है वह एल्गिन में झांकने तक नहीं जाता। उसने पेटी कांट्रेक्ट पर किसी और को स्टैंड की कमान सौंप दी है। स्टैंड के आए दिन होने वाले झगड़ों से परेशान अस्पताल प्रशासन भी नए ठेकेदार की तलाश में है परंतु राजनीतिक रसूख के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।

6 लाख 34 हजार रुपये वार्षिक दर में ठेका: अस्पताल के वाहन स्टैंड का ठेका 6 लाख 34 हजार वार्षिक दर पर दिया गया है। करीब चार साल में यह राशि और बढ़ सकती थी परंतु नया ठेका न होने के कारण अस्पताल को वांछित राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है। एल्गिन के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में तीन बार वाहन स्टैंड के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है परंतु ठेकेदार निविदा प्रक्रिया में शामिल नहीं होते। इधर, जानकारों का कहना है कि वर्तमान ठेकेदार की दबंगई के कारण एल्गिन अस्पताल में वाहन स्टैंड का ठेका नहीं हो पा रहा है।

बेतरतीब पार्किंग, बाहरी वाहनों की भीड़: अस्पताल की जमीन पर स्टैंड चलाकर बाहरी वाहनों से भी कमाई की जा रही है। बताया जाता है कि रेलवे के तमाम अप-डाउनर्स एल्गिन अस्पताल में अपने दो पहिया वाहनों की पार्किंग कर रहे हैं। जिसके चलते ठेकेदार दोहरा मुनाफा कमा रहा है। वहीं अस्पताल के कर्मचारियों, चिकित्सकों के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था में ध्यान नहीं दिया जा रहा।

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