सिवनी: बरघाट विकासखंड में नकली डीएपी खाद के कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए कृषि विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई में नकली डीएपी खाद से भरे एक ट्रक को जप्त कर बरघाट थाने में खड़ा कराया गया, साथ ही देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई। इस मामले में पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 331/24 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी गई है।
आष्टा रोड पर पकड़ा गया नकली खाद से भरा ट्रक
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आष्टा-गगेरूआ मार्ग पर दिन में नकली खाद का ट्रक पीकअप वाहनों के माध्यम से खाली किया जा रहा था। दो पीकअप वाहन नकली व अमानक खाद भरकर पहले ही रवाना हो चुके थे। सूचना पर तत्काल कृषि विभाग की टीम ने दबिश दी, लेकिन मौके पर नकली खाद मंगवाने वाला मुख्य आरोपी तथा पिकअप वाहन चालक फरार हो गया।
मौके पर मौजूद ट्रक चालक तथा अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कृषि विभाग द्वारा पंचनामा की कार्रवाई करते हुए ट्रक को पुलिस थाने लाया गया। इस पूरे प्रकरण में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध
कृषि विभाग की शिकायत पर थाना बरघाट में आरोपी सुनील राहंगडाले पिता शिवचरण राहंगडाले, निवासी केकड़ी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 331/24 दर्ज किया गया है।
प्रकरण में धारा 19(C) उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 3 एवं 7, ईसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, जांच उपरांत धाराएं और भी बढ़ सकती हैं। साथ ही, नकली खाद कारोबार में शामिल अन्य व्यक्तियों के नाम भी जांच में सामने आने की संभावना है, जिन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों में आक्रोश, ठोस कार्रवाई की मांग
इस नकली डीएपी खाद के कारोबार का खुलासा होते ही क्षेत्र के किसानों में आक्रोश फैल गया है। किसानों ने पुलिस एवं प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार के फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में अन्नदाता किसानों के साथ ऐसा छल न हो सके।
बरघाट विकासखंड में लंबे समय से डीएपी के नाम पर नकली खाद बेचे जाने की शिकायतें सामने आती रही हैं, और अब कृषि विभाग की कार्रवाई के बाद इस गिरोह के कुछ मगरमच्छ सतर्क हो गए हैं और बचाव के रास्ते खोजने में लगे हैं।
ट्रक बालाघाट के लिए हुआ था रवाना, 300 रुपये की खाद 1600 में बेची जा रही थी
बताया जा रहा है कि नकली डीएपी से भरा ट्रक बालाघाट भेजा जा रहा था, और बिल्टी के अनुसार खाद की कीमत मात्र ₹300 प्रति बोरी थी। लेकिन यही खाद डीएपी के नाम पर किसानों को ₹1500-1600 प्रति बोरी बेची जा रही थी।
कृषि विभाग की टीम का सराहनीय कार्य
इस बड़ी कार्रवाई में कृषि विभाग के प्रफुल्ल घोडेसवार (सहायक संचालक कृषि), राजेश मेश्राम (सहायक संचालक कृषि), और आर.डी. नायक (कृषि विभाग बरघाट) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इनकी सक्रियता और तत्परता से किसानों के हित में यह कार्रवाई संभव हो सकी, जिसकी क्षेत्र में सराहना हो रही है।
जांच जारी है और संभावना जताई जा रही है कि नकली खाद के इस गोरखधंधे में और भी कई नाम सामने आ सकते हैं, जिन पर आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई की जाएगी।