भोपाल: इस अवसर पर प्रमुख सचिव राजस्व श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने प्रजेंटेशन दिया। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री नीरज मंडलोई ने बताया किमुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों के परिपालन में प्रदेश में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग के स्थानों में जल भराव होने पर जल निकासी की व्यवस्था देखने और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने बताया कि 16 नगर निगम कमिश्नर्स भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े हैं। उन्हें बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों और अन्य धर्मशालाओं और संस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा विभिन्न नगरों- कस्बों में निचली बस्तियों में भी आवश्यक सावधानियां बरतने एवं कच्चे मकानो में बिजली के करंट फैलने से वर्षा काल में उत्पन्न होने वाली समस्या के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव राजस्व ने बताया कि प्रदेश में एक जून से 29 जुलाई तक 18.5 इंच वर्षा दर्ज हुई है। अधिक वर्षा वाले जिलों में राजगढ़, नीमच, भोपाल, सिवनी, ग्वालियर, भिंड, श्योपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, रायसेन एवं सीहोर शामिल हैं। प्रदेश के सिर्फ कटनी जिले में अधिक वर्षा से उत्पन्न स्थिति के कारण राहत शिविर का संचालन किया जा रहा है। बरगी जलाश्य का जल स्तर बढ़ने पर गेट खोलने का निर्णय लिया जा रहा है।
इसके प्रवाह से प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट किया गया है। अनेक बांधों में जल भराव 50 से 75 प्रतिशत के मध्य है। जिला कलेक्टरों को निचली बस्तियों में रहने वाले निवासियों को समय पर सतर्क करने और आवश्यकतानुसार अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ उन्मुख नदियों के जल स्तर पर लगातार निगरानी के लिए कहा गया है। सभी विभाग निर्धारित पोर्टल पर जानकारी अपडेट करें और बाढ़ की पूर्व सूचना के लिए समुचित व्यवस्था करें, ऐसे निर्देश दिए गए हैं।
आवश्यक सेवाओं के रख-रखाव और बचाव दलों की व्यवस्था के लिए भी कहा गया है। प्रजेंटेशन में बताया गया कि डिसास्टर वार्निंग रिस्पॉन्स सिस्टम लागू किया गया है। इससे जलाशयों, नदियों के स्तर और गेटों के खोलने की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जल संसाधन विभाग द्वारा एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और नागरिकों को एसएमएस अलर्ट की व्यवस्था भी की गई है।
इसके साथ ही राजस्व एवं राहत आयुक्त के अमले द्वारा वर्षा से क्षति पर रिपोर्ट तैयार करने, जिला प्रशासन द्वारा नागरिकों को भारी वर्षा की चेतावनी और एसएमएस अलर्ट देने के साथ ही एसडीआरएफ एवं राज्य आपदा केंद्र के स्टाफ द्वारा जिला प्रशासन और नागरिकों को सूचित कर सजग करने की भूमिका निभाई जा रही है।
मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा द्वारा पूर्व में प्रदेश के सभी जिलों को अति वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।