सिवनी: हाल ही में हमारे जिले में आई अतिवृष्टि ने जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित किया है। बारिश के कारण बाढ़ का संकट पैदा हो गया था, जिससे न केवल सड़कें जलमग्न हो गईं, बल्कि स्कूलों और अन्य संस्थानों में भी लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
इस संकट की घड़ी में राजस्व विभाग, पंचायत विभाग, पुलिस और होम गार्ड के साथ ही अन्य विभागों के द्वारा किए गए बाढ़ राहत कार्य वास्तव में सराहनीय रहे हैं। इन विभागों ने मिलकर बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता की और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कार्रवाई की।
बारिश के दौरान स्कूलों में फंसे बच्चों की राहत कार्य
जब बारिश की वजह से क्रिश्ना पब्लिक स्कूल पलारी, सूर्योदय विद्यामंदिर पलारी, संस्कार वैली पब्लिक स्कूल पलारी, कन्या शाला पलारी और केवलारी कॉलेज के छात्र-छात्राएं फंस गए थे, तो सहायक सचिव शरद ठाकुर ने तत्काल हस्तक्षेप किया। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल में ही भोजन की व्यवस्था की और बाद में उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर उनके घर तक पहुंचाया। यह कार्यवाही न केवल प्रशासन की तत्परता का परिचायक है, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाती है।
बरघाट तहसील क्षेत्र में राहत कार्य
बरघाट तहसील के बुडेना नाला में आई बाढ़ के कारण वहां के 28 छात्र-छात्राएं भी संकट में फंस गए थे। इन बच्चों की स्थिति की जानकारी मिलते ही, ग्राम पंचायत भवन पिंडरई खुर्द में बच्चों के लिए रूकने और खान-पान की व्यवस्था की गई। यह कदम यह दर्शाता है कि आपातकालीन स्थिति में भी स्थानीय प्रशासन किस प्रकार से बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति सजग रहता है।
जब नाले का उफान कम हुआ, तो बच्चों को सुरक्षित तरीके से उनके घरों तक पहुंचाया गया। यह कार्यवाही उस समय की आपातकालीन प्रबंधन की सफल रणनीति को भी उजागर करती है।
आपातकालीन प्रबंधन की रणनीतियाँ और विभागीय समन्वय
आपातकालीन प्रबंधन में विभागों के बीच समन्वय और संयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। राजस्व विभाग, पंचायत विभाग, पुलिस विभाग और होम गार्ड ने मिलकर एक संगठित प्रयास किया, जो इस आपदा की घड़ी में सही दिशा में कदम उठाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इन विभागों के द्वारा किए गए राहत कार्यों में शामिल थे:
- फंसे हुए लोगों को बचाना और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाना।
- भोजन और पानी की व्यवस्था करना।
- सड़कें खोलना और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना।
- प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करना और जरूरतमंदों को चिकित्सा सहायता प्रदान करना।
इन कार्यों ने दिखाया कि किस प्रकार से एक संगठित और समन्वित राहत कार्य किसी भी आपदा के दौरान कितनी प्रभावी हो सकती है।
समुदाय की भूमिका और भविष्य की तैयारी
आपातकालीन प्रबंधन केवल प्रशासनिक विभागों तक ही सीमित नहीं रहता। समुदाय की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की आपदाओं के लिए पूर्व तैयारी और सामुदायिक सहयोग एक कुशल प्रबंधन की बुनियाद है।
अगले वर्षों में, हमें चाहिए कि हम आपातकालीन प्रबंधन की योजनाओं में समुदाय को भी शामिल करें। इसके लिए हमें सामुदायिक प्रशिक्षण और जन जागरूकता अभियानों पर जोर देना होगा।
पूर्व-नियोजन और संगठित प्रबंधन से ही हम भविष्य की आपदाओं का सामना बेहतर तरीके से कर सकते हैं।