पूज्य पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज का आगमन
सिवनी न्यूज (Seoni News): पूज्य पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज श्री का 30 जून को शाम के समय दिघोरी आगमन होगा। इस आगमन से सिवनी जिले के सनातनियों में अपार हर्ष का माहौल है।
दो दिवसीय सिवनी प्रवास
पूज्य महाराज श्री का दो दिवसीय सिवनी प्रवास जिले में रहेगा। महाराज श्री के गुरुधाम में दर्शन का समय 01 जुलाई को शाम 5 बजे से 8 बजे तक निर्धारित है तथा 02 जुलाई को प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक गुरूधाम दिघोरी में होगा। इस दौरान श्रद्धालु भक्त पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
दर्शन का समय और स्थान
श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का समय और स्थान निम्नानुसार है:
- 01 जुलाई: शाम 5 बजे से 8 बजे तक गुरूधाम दिघोरी में।
- 02 जुलाई: प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक गुरूधाम दिघोरी में।
श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
- समय का पालन करें: दर्शन के लिए निर्धारित समय पर ही पहुंचें।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी आपात स्थिति में आयोजकों से संपर्क करें।
गुरूधाम दिघोरी का महत्त्व
गुरूधाम दिघोरी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और शंकराचार्य सदानंद जी महाराज का यहां आगमन एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना है। श्रद्धालु इस मौके पर शंकराचार्य जी महाराज के दर्शन कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। श्री गुरु रत्नेश्वर धाम, दिघोरी में विश्व का अद्वितीय स्फटिक शिवलिंग स्थापित है। इसका स्थापना सिवनी निवासी एवं द्वि पीठाधीश्वर शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज ने की थी।
15 से 22 फरवरी 2002 के बीच एक सप्ताह के धार्मिक मेले का आयोजन कर स्फटिक के अद्वितीय शिवलिंग की स्थापना की गई। यह शिवलिंग कश्मीर से लाया गया था। इसके पूजन का भारतीय धर्मग्रंथों में अत्यधिक महत्व बताया गया है। ग्राम दिघोरी, जिला सिवनी में, जहां शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज का जन्म हुआ था, उसी स्थान पर स्फटिक के मणि शिवलिंग को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चारों पीठों एवं अन्य धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्थापित किया गया है।