सिवनी । सात साल पुराने शासकीय कार्य में बाधा डालने के एक मामले में दो आरोपियों को माननीय न्यायालय ने सजा सुनायी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली थाने का यह मामला 04 मई 2012 दोपहर लगभग पौने तीन बजे का है। आरोपी परमानन्द (52) पिता जिया लाल जायसवाल निवासी विवेकानंद वार्ड, कटंगी रोड तथा राम गोपाल (57) पिता जियालाल जायसवाल, निवासी टूरिया, थाना कुरइ के द्वारा उपवन मण्डल अधिकारी कार्यालय सिवनी, में जगदीश प्रसाद शिवहरे द्वारा आरोपी रामगोपाल जायसवाल के एक मामले राजसात प्रकरण की सुनवायी कर रहे थे तथा वहीं पर रेंजर ताराचंद दुबे भी कार्यवाही में प्रस्तुतकर्त्ता अधिकारी के रूप में थे।
इस दौरान संतोष सोनी वन रक्षक के बयान दर्ज हो रहे थे तभी आरोपी रामगोपाल अचानक संतोष सोनी पर उत्तेजित होकर उसे गालिया देने लगे। इस पर रेंजर ताराचंद दुबे ने ऐसा करने से मना किया तो उन्हें भी वे उल्टा सीधा बोलने लगे, तभी आरोपी परमानन्द भी वहाँ आ गये और रेंजर दुबे को हाथ पकड़कर बाहर निकाल दिया।
दोनों आरोपियों ने शासकीय कार्य मे बाधा पहुँचायी जिससे संतोष सोनी की जो गवाही हो रही थी उसमें बाधा उत्पन्न हुई । घटना की रिपोर्ट पर पुलिस के द्वारा दोनों आरोपियों के विरूद्ध मामला बनाकर माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया था। इसकी सुनवायी श्रीमति सुचिता श्रीवास्तव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सिवनी की न्यायालय में की गयी।
इसमें शासन की ओर से श्रीमति कौशल्या एक्का सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा पैरवी की गयी। 19 जुलाई को सबूतों एव गवाहों के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी परमानन्द तथा रामगोपाल जायसवाल दोनों को धारा 353 एवं 34 भादवि के अपराध में 06-06 माह के कारावास एवं 2000 – 2000 रुपये के जुर्माना से दण्डित करने की सजा सुनायी गयी है।