The Sardana International School (The SIS): सरदाना सर के स्कूल (The Sardana International School) में आते हैं पूरे भारत से विद्यार्थी – प्रतिस्पर्धा के इस दौर में पेरेंट्स हमेशा ही इस बात को लेकर तनाव में रहते हैं कि आखिर बच्चे के लिए एक सही स्कूल या कोचिंग इंस्टीट्यूट के रूप में किसे चुना जाए। वे सही भी हैं, क्योंकि कई बार कोचिंग संस्थाएँ वादें करती तो हैं, लेकिन निभा नहीं पातीं।
कारण यह है कि इन नामचीन संस्थाओं में फैकल्टीज़ का स्तर वैसा नहीं होता, जैसा कि ऊपरी तौर पर विज्ञापनों आदि के माध्यम से दर्शाया जाता है।
पेरेंट्स की इस परेशानी को हल करने वाला टॉप रैंक के साथ भारत में सर्वाधिक सिलेक्शन प्रतिशत देने के साथ मध्यप्रदेश की औद्योगिक नगरी देवास में एक विद्यालय और कोचिंग इंस्टीट्यूट ऐसा है, जहाँ विगत 26 वर्षों से आईआईटी-जेईई में ऑल इंडिया 243वीं रैंक प्राप्त कर चुके मशहूर अध्यापक ललित सरदाना सर फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मैथेमेटिक्स जैसे महत्वपूर्ण विषय स्वयं ही पढ़ाते हैं।
The Sardana International School
द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल (The Sardana International School) का संचालन सरदाना सर और सरदाना मैडम द्वारा ही किया जाता है। खास बात यह है कि ढ़ाई दशक से भी अधिक समय से अध्यापक रहने के बावजूद आज भी वे किसी अन्य फैकल्टी पर निर्भर नहीं हैं।
द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल (The Sardana International School) में IIT, NDA, CLAT, NEET, IIT, NEET, CLAT, NDA, CA, CS, UPSC और CUET में सैकड़ों सिलेक्शन्स होते हैं।
ललित सरदाना, अध्यापक और संचालक, द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल, कहते हैं, “भारी भरकम फीस और संथाओं में बड़ी संख्या में बच्चों की भर्ती को लेकर चिंतित पेरेंट्स के मन में कई सवाल उठते हैं, जैसे- इस संख्या के बीच उनके बच्चे पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा या नहीं? कहीं अपनी मेहनत का पैसा गलत जगह पर तो नहीं लगा दिया है? उनका बच्चा अच्छा पढ़ने के बजाए और कमज़ोर तो नहीं हो जाएगा, आदि।
कारण यह है कि अधिकांश फैकल्टीज़ केवल उन्हीं बच्चों को कॉन्सेप्ट्स समझा पाते हैं, जो पढ़ने में होशियार होते हैं। ऐसे में कमज़ोर बच्चे पिछड़ते जाते हैं, क्योंकि वे शिक्षकों के समझाने के तरीकों को समझ नहीं पाते हैं।
परिणाम के रूप में वे प्रतियोगी परीक्षाएँ तो क्या, स्कूल की परीक्षाओं में भी धीरे-धीरे पिछड़ते चले जाते हैं और एक समय ऐसा आता है कि या तो उन्हें कोचिंग छोड़ना पड़ती है, या फिर स्कूल छोड़कर किसी डमी स्कूल का सहारा लेना पड़ता है। द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल में हम बच्चों के भविष्य को सँवारने में विश्वास रखते हैं।”
द सरदाना इंटरनेशनल स्कूल की साख सिर्फ देवास और आसपास के क्षेत्रों ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश के अलग-अलग कोनों से विद्यार्थी सरदाना सर से पढ़ने आते हैं। सरदाना सर और सरदाना मैडम इस तरीके से सभी विषयों को पढ़ाते हैं कि आज इंटरनेट पर 81 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी इनके पढ़ाने को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।
जब से स्कूल शुरू हुआ है, तब से यह आश्चर्यजनक गति से बढ़ रहा और अच्छे परिणाम के ग्राफ में लगातार बढ़त जारी है। कम समय में छात्रों ने इस स्कूल के अंतर्गत किसी भी शैक्षणिक संस्थान के इतिहास में अद्वितीय परिणाम दिखाए हैं।